PATNA : शुक्रवार को मैट्रिक परीक्षा की पहली पारी में हुई सामाजिक विज्ञान विषय का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में जमुई पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की छानबीन में यह मालूम पड़ा कि जो प्रश्नपत्र लीक किया गया और वायरल हुआ वह जमुई के झाझा स्थित एसबीआई ब्रांच से बाहर आया था। दरअसल इस ब्रांच में रिजर्व रखे गए क्वेश्चन पेपर को ही वायरल किया गया था। पुलिस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए रात के वक्त ही एसबीआई के बैंक कर्मी शशिकांत चौधरी और अजीत कुमार के साथ-साथ ब्रांच के स्वीपर विकास दास को गिरफ्तार कर लिया है। जांच के बाद यह बात सामने आई है कि बैंक के स्वीपर विकास ने प्रश्नपत्र लीक किया।
बताया जा रहा है कि विकास का एक संबंधी मैट्रिक की परीक्षा दे रहा था। सबसे पहले उसने पेपर लीक किया और इससे व्हाट्सएप के जरिए शेयर किया। बाद में यह तमाम जगहों पर वायरल हो गया। इस पूरे मामले की जानकारी होने के बाद पुलिस की टीम एसबीआई की शाखा पहुंची और तीन आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया गया। बैंक में कैशियर के तौर पर काम करने वाले शशिकांत चौधरी और अजीत कुमार को गिरफ्तार कर थाने लाया गया। रात भर उनसे पूछताछ की गई है। विकास कुमार दास पिछले 8 सालों से ब्रांच में सफाई का काम करता है। डीएम अविनाश कुमार ने बताया है कि बैंक के सीसीटीवी फुटेज खाना ले के बाद उक्त कर्मी की संलिप्तता सामने आई है जिसके बाद एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है।
शुक्रवार को इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा में क्वेश्चन पेपर लीक होने का मामला उठाया। विधानसभा की कार्यवाही में यह बात सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर से पूरे मामले की जानकारी ली। इस मामले में बोर्ड के रवैये से नीतीश कुमार बेहद खफा नजर आए और बाद में एक्शन में आए बिहार बोर्ड ने आंसर शीट और क्वेश्चन सीरियल नंबर से यह जानकारी हासिल करने की पेपर कहां से लीक हुआ। बिहार बोर्ड ने शुक्रवार की देर रात सोशल साइंस सब्जेक्ट की ली गई परीक्षा को कैंसिल कर दिया है। अब यह परीक्षा 8 मार्च को आयोजित होगी।