माता-पिता को कांवड़ पर बिठाकर देवघर की यात्रा पर निकले जहानाबाद के दंपति, लोगों ने कहा-ऐसा बेटा-बहू सभी को दें भोलेनाथ

माता-पिता को कांवड़ पर बिठाकर देवघर की यात्रा पर निकले जहानाबाद के दंपति, लोगों ने कहा-ऐसा बेटा-बहू सभी को दें भोलेनाथ

DESK: जहानाबाद के चंदन और उनकी पत्नी रानी की चर्चा इन दिनों खूब हो रही है। चंदन अपने माता-पिता को कांवड़ पर बिठाकर देवघर के लिए रवाना हुए  हैं। इस दौरान उनकी पत्नी और दो बच्चे भी साथ हैं। सुलतानगंज घाट पर गंगा स्नान के करने बाद माता-पिता को कांवर में बिठाकर चन्दन देवघर के लिए रवाना हुआ। चंदन की पत्नी रानी देवी और दो बच्चे बाबा भोलेनाथ की नगरी देवघर के लिए निकले हैं। इन्हें देख लोग भी हैरान हैं। आगे बेटा और पीछे बहू कंधे पर कांवर रखे हुए हैं और कांवर पर माता-पिता बैठे हुए हैं। माता-पिता को लेकर वे जहां से गुजर रहे हैं वहां लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि भोलेनाथ ऐसा बेटा बहू सबकों दें।   


देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है झारखंड के देवघर स्थित बाबाधाम। जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। सुलतानगंज से देवघर की यात्रा के दौरान श्रद्धालु 105 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। चंदन और उनकी पत्नी रानी देवी ने एक बहंगी तैयार किया और अपने माता-पिता को कंधे पर रखकर भोले नाथ के दर्शन के लिए निकल गये। बहंगी के आगे बेटा और पीछे बहू दिख रही है। चंदन और रानी को देखकर लोग भी हैरान हैं। 


माता-पिता को लेकर दोनों 105 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। उनके साथ दो छोटे छोटे बच्चे भी हैं। जहां भी संतुलन बिगड़ता है अन्य श्रद्वालु उनकी मदद के लिए सामने आ जाते हैं। माता-पिता को लेकर ये जहां से भी गुजरते हैं वहां लोगों की भीड़ लग जाती है। चंदन जहानाबाद के घोषी थानाक्षेत्र के बीरपुर का रहने वाला है। 


रविवार को सुल्तानगंज पहुंचे चंदन ने गंगा स्नान किया और गंगा जल भरकर देवघर के लिए प्रस्थान कर गये। इस दौरान चंदन कुमार से जब हमने बात की तो उसने बताया कि वह हर महीने सत्यनारायण भगवान का पूजा करता है। पूजा के दौरान यह माता-पिता को बाबाधाम की पैदल यात्रा कराए जाने की मन बना। जिसके बाद हम भोलेनाथ के दर्शन के लिए निकले हैं। 


वही चंदन की पत्नी रानी का कहना है कि पति के मन में इच्छा जाहिर हुई तो मुझे भी इसमें भागीदार बनने का मन हुआ। मैं बेहद खुश हूं कि अपने सास-ससुर को बाबाधाम की यात्रा कराने निकले हैं और रास्ते में लोग भी हम लोगों को हिम्मत दे रहे हैं। मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। बेटे और बहू के इस कदम से पिता जगरन्नाथ साव काफी खुश है। उनका कहना है कि बेटे-बहू की पहल से हमें भोले बाबा का दर्शन करने का मौका मिला है। माता-पिता को कांवड़ में बिठाकर बेटे और बहू को देख लोगों ने कहा कि ऐसे बहू और बेटे भोलेनाथ सभी को दें।