DESK: मशहूर गीतकार माया गोविंद का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया। 82 वर्षीय माया गोविंद दो साल से बीमार चल रही थीं।जनवरी में उन्हें मुंबई के एक हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। उनके बेटे अजय ने बताया कि आज ही मुंबई के विले पार्ले वेस्ट स्थित पवन हंस श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। बता दें कि माया गोविंद ने 350 से ज्यादा फिल्मों के लिए गाने लिखे थे।
बॉलीवुड की महान गीतकार माया गोविंद का गुरुवार को 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे मुंबई के जुहू में रहती थीं। बताया जाता है कि बीते दो साल से वो बीमार चल रही थी। उनके सिर में रक्त के ब्लड क्लौटिंग थी। उनके बेटे अजय ने बताया कि मां की कुछ महीनों से तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। उन्हें दो बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एक बार पिछले साल दिसंबर में और फिर उसके बाद जनवरी में उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। माया गोविंद का अंतिम संस्कार पवन हंस श्मशान घाट विले पार्ले वेस्ट मुंबई में किया जाएगा।
माया गोविंद गीतकार के साथ-साथ कवयित्री और थिएटर से जुड़ी थी। 1972 से ही वे हिंदी फिल्मों के लिए गीत लिख रही थीं और उन्होंने करीब 350 फिल्मों में गीत लिखे हैं। उनकी कुछ प्रसिद्ध कृतिया आरूप, जलते बदन, सावन को आने दो, टकरा, पिघलता आसमान, दमन, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी दलाल, गज गामिनी, गंगा की कसम, रजिया सुल्तान, याराना, जनता की अदालत, हम जैसी फिल्मों में गाने हैं। माया गोविंद ने किताबें भी लिखी हैं और टीवी शो के लिए भी गीत लिखे हैं।