PATNA : बिहार में की संदिग्ध पीएफआई की गतिविधियों के खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी के साथ-साथ बीजेपी के कई नेता आतंकवादियों के निशाने पर हैं, जिसको लेकर श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पीएफआई की संलिप्तता की प्रामाणिकता आ जाती है तो निश्चित रूप से उसे प्रतिबंधित किया जाए. राष्ट्रविरोधी ताकतें समय-समय पर अपने फन उठाती है. 2014 से पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब से सरकार बनी है, आतंकवादियों को कुचलने में लगी है. पीएफआई पर अभी कई तरीके की जांच चल रही है. देश की सबसे प्रतिष्ठित संस्था इसकी जांच कर रही है तो इसके बारे में अभी कुछ भी बोलना उचित नहीं है. जांच रिपोर्ट में यदि आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता पाई जाएगी तो उनपर कड़ी कार्रवाई होगी.
वहीं, केंद्र सरकार के द्वारा खाने-पीने के चीजों पर 5 फीसदी GST लगाने पर कहा कि कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में जीएसटी काउंसिल की मीटिंग हुई थी जिसमें सभी लोगों ने यह सहमति जतायी थी कि पैकेट बंद अनाज जीएसटी होना चाहिए ताकि कर चोरी रुक सके और संतुलित प्रकार से व्यापार हो सके. सभी राज्यों ने इसका समर्थन किया. ममता बनर्जी और केजरीवाल ने इसका समर्थन किया. आज इसके विरोध का कोई कारण नहीं है. केवल पैक सील अनाज को इसके दायरे में रखा गया है खुदरा अनाज को जीएसटी से मुक्त किया गया है. आज भी गांव गरीब के किसान खुदरा अनाज खरीदते हैं.
तेजस्वी यादव द्वारा गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को लेकर दिए बयना पर भी मंत्री जीवेश मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि जब उसको लिखित पढना था तो पढ़ नहीं पाए और ये बोल रहे हैं कि नित्यानंद राय उनके सारण के जा रहे थे. ऐसे तो मैं भी कह सकता हूँ कि जब 2017 में गढ़बंधन टूट रहा था तो वो बीजेपी के पास आना चाह रहे थे. तेजस्वी यादव के बयान से प्रमाणित है कि नित्यानंद राय के बढ़ते कद से वो काफी परेशान हैं. आरजेडी यादव राजनीति को प्राइवेट लिमिटेड पार्टी समझ रही थी लेकिन अब यादव समाज के साथ-साथ पुरे बिहार से नित्यानंद रायको स्नेह और प्यार मिल रहा है तो तेजस्वी यादव को तकलीफ और जलन हो रही है. यदि नित्यानंद राय ने उनकी पार्टी में आने की इच्छा जताया था तो उस वक्त उनको आकर बोलना चाहिए था. तेजस्वी मिडिया में सुर्खियाँ बटोरने के लिए कुछ भी बयानबाजी रहते हैं .
जीवेश मिश्रा ने कहा कि श्रम संसाधन विभाग समुन्द्र पार योजना ला रही है. नियोजन ब्यूरो का रजिस्ट्रेशन कर लिया गया है. बिहार के श्रमिक बिहार के बाहर किसी भी देश में काम कर रहे होंगे उनके हितों को संधारित करने का काम हम बिहार में बैठकर करेंगे. दरअसल यह मामला सामने आता है कि दलालों द्वारा मजदूरों ज्यादा पैसा दिए जाने की बात कह ले जाया जाता है विदेश जाने के बाद उनका पासपोर्ट जब्त किया जाता है. उन्हें बहुत कम राशि दी जाती है. विभाग विदेश में काम करने वाले श्रमिकों के हितों की चिंता करेंगे. उनके हुनर के हिसाब विदेशों में मिलने वाले जॉब का भी चयन करेंगे जॉब दिलाने का भी काम करेंगे. पूरी रुपरेखा श्रम संसाधन विभाग ने बनायी है। बिहार में महत्वपूर्ण काम श्रम संसाधन विभाग कर रहा है.