PATNA : लोकतंत्र में जन संवाद को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 साल के अंतराल के बाद एक बार फिर से जनता दरबार कार्यक्रम की शुरूआत की. मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम के साथ-साथ बीजेपी ने भी अपने कोटे के मंत्रियों के सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत की जहां फरियादी अपनी शिकायत लेकर पहुंचते हैं. इसके बाद जनता दल यूनाइटेड के कार्यालय में भी जेडीयू कोटे के मंत्रियों ने दरबार लगाना शुरू किया. प्रदेश जदयू कार्यालय में हर दिन में जेडीयू कोटे के मंत्री लोगों की फरियाद सुनने के लिए मौजूद रहते हैं. लेकिन अफसरशाही का नमूना यहां भी देखने को मिल ही गया.
दरअसल जेडीयू कार्यालय में आज मंत्री श्रवण कुमार और जयंत राज जन सुनवाई के लिए मौजूद थे. फरियादी अपनी अपनी शिकायतें लेकर मंत्रियों से मुलाकात कर रहे थे. इसी दौरान बेगूसराय से आए एक फरियादी ने मंत्री श्रवण कुमार से गुहार लगाई. वह जिस समस्या को लेकर मंत्री के पास पहुंचे थे, उस मामले में मंत्री ने डीआईजी को फोन लगाया, लेकिन 4-5 दफे फोन करने के बावजूद डीआईजी साहब ने फोन नहीं उठाया.
बेगूसराय से आए फरियादी रामदास राय ने कहा कि मंत्री उनकी समस्या को ध्यान पूर्वक सुने और उन्होंने डीआईजी साहब को फोन लगाया लेकिन बार-बार प्रयास करने के बावजूद डीआईजी साहब फोन नहीं उठा रहे थे. मेरी समस्या का निदान भी नहीं हो पाया. जनता दरबार में बारिश के बीच वह बड़ी उम्मीद लेकर आए थे, लेकिन डीआईजी साहब से बातचीत नहीं होने के कारण वह एक बार फिर मायूस होकर वापस लौट रहे हैं.
हालांकि मंत्री जी ने भरोसा दिया कि उनके मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी. बिहार में बेलगाम अफसरशाही को लेकर मंत्री मदन सहनी अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर चुके हैं. लेकिन अब जिस तरह की तस्वीरें जेडीयू के जनता दरबार कार्यक्रम से सामने आई हैं, वह इसकी पुष्टि करता है.