PATNA : हालिया विधानसभा उपचुनाव में महागठबंधन से अलग जाकर उम्मीदवार देने वाले मुकेश सहनी ने अपने सहयोगी जीतन राम मांझी को गच्चा दे दिया है। जीतन राम मांझी ने गुरुवार को यह एलान किया था कि वह अब महागठबंधन में शामिल नहीं है और 2020 का चुनाव उनकी पार्टी महागठबंधन के साथ नहीं लड़ेगी। इस एलान के साथ मांझी ने यह संकेत दिया था कि आगामी विधानसभा चुनाव में वीआईपी जैसी पार्टियों से उनका गठबंधन रह सकता है।
एक दिन पहले तक मांझी जिस मुकेश सहनी पर भरोसा जता रहे थे। अगले ही दिन वही मुकेश सहनी ने उन्हें गच्चा दे गए। एनडीए सरकार के खिलाफ 13 नवंबर को बिहार में होने वाले प्रदर्शन को लेकर महागठबंधन और वाम दलों के नेताओं ने प्रेसवार्ता बुलाई। हैरत की बात यह रही कि महागठबंधन के नेताओं के साथ मुकेश सहनी भी मौजूद रहे।
मुकेश सहनी को महागठबंधन के नेताओं के साथ देखकर मांझी सबसे ज्यादा बेचैन हुए होंगे हालांकि प्रेस वार्ता में आरजेडी का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं दिखा। कांग्रेस ने मांझी के फैसले पर यह सफाई दे डाली कि वह नाराज हो सकते हैं लेकिन महागठबंधन से बाहर नहीं। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि जीतन राम मांझी की नाराजगी जल्द दूर कर ली जाएगी। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले बदलते सियासी रिश्तो के बीच मांझी को सहनी ने जिस तरह गच्चा दिया है वह उन्हें परेशान जरूर कर रहा होगा।