ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: जारी हुआ पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट का टेंडर, हजार एकड़ जमीन अधिग्रहण भी पूरा Bihar News: बिहार के 80 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों को मिलेगा टैबलेट, शिक्षकों को भी दी जायेगी ट्रेनिंग Patna News: SSP कार्तिकेय कुमार ने संभाली पटना की कमान, ज्वाइनिंग से पहले अपराधियों ने दे दी बड़ी चुनौती Patna News: SSP कार्तिकेय कुमार ने संभाली पटना की कमान, ज्वाइनिंग से पहले अपराधियों ने दे दी बड़ी चुनौती INDvsENG: इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया की 5 बड़ी कमजोरियां, जो जीत की राह में बन सकती हैं रुकावट Patna Crime News: पटना में अपराधियों के हौसले बुलंद, VVIP इलाके में ताबड़तोड़ फायरिंग से हड़कंप; मंत्री और जज के आवास के बाहर गोलीबारी Patna Crime News: पटना में अपराधियों के हौसले बुलंद, VVIP इलाके में ताबड़तोड़ फायरिंग से हड़कंप; मंत्री और जज के आवास के बाहर गोलीबारी Bihar Crime News: पुलिस क्लब के पास अज्ञात युवक का शव बरामद, पत्थर से कुचलकर हत्या Bihar News: वर्दी की आड़ में शराब तस्करी, होमगार्ड जवान गिरफ्तार Bihar Politics: बेगूसराय में बढ़ी भाजपा की मुश्किलें, विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी में 3 जिला परिषद सदस्य

मकर संक्रांति के साथ आज उत्तरायण पर्व, जानें संक्रांति मनाने के 4 मुख्य कारण

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Jan 2024 06:56:27 AM IST

मकर संक्रांति के साथ आज उत्तरायण पर्व, जानें संक्रांति मनाने के 4 मुख्य कारण

- फ़ोटो

PATNA : आज (सोमवार, 15 जनवरी) मकर संक्रांति है। ये पर्व सूर्य के मकर राशि में आने पर मनाया जाता है। दक्षिणायन समाप्त हो जाएगा और अब 6 महीनों तक सूर्य उत्तरायण रहेगा। ठंड कम होने लगेगी, गर्मी बढ़ेगी। दिन बड़े और रातें छोटी होने लगेंगी। शास्त्रों में बताया गया है कि मकर संक्रांति से देवताओं के दिन की शुरुआत होती है। इस दिन कई शहरों में पतंग उड़ाई जाती है।


दरअसल, मकर संक्रांति सूर्य की स्थिति के आधार पर मनाया जाने वाला पर्व है। जबकि, बाकी पर्व चंद्र की स्थिति के आधार पर मनाए जाते हैं। इस दिन सूर्य पूजा के साथ ही तिल, कंबल, मच्छरदानी, खिचड़ी, गुड़ का दान करने की परंपरा है। पूरे दिन दान-पुण्य, पूजा-पाठ और तीर्थ दर्शन कर सकते हैं। इस त्योहार से जुड़ी कई मान्यता हैं। 


जानिए मकर संक्रांति से जुड़ी 4 मान्यताएं...

1.जब सूर्य देव शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य और शनि पिता-पुत्र हैं। शनि अपने पिता सूर्य को शत्रु मानता है, लेकिन एक मान्यता ये है कि मकर संक्रांति पर सूर्य अपने पुत्र शनि देव से मिलने उसके घर जाते हैं। पहली बार जब सूर्य शनि के घर गए थे, तब इनके बीच के मतभेद दूर हो गए थे।


2.मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण हो जाता है। शास्त्रों में इसे देवताओं के दिन की शुरुआत माना जाता है। महाभारत युद्ध के बाद भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने के बाद ही अपने प्राण त्यागे थे। उस समय माना जाता था कि मकर संक्रांति पर मरने वाले लोगों को मोक्ष मिल जाता है। मोक्ष यानी मरने के बाद आत्मा का पुनर्जन्म नहीं होता है।


3. सूर्य के मकर राशि में आने से खरमास खत्म हो जाता है और मांगलिक कार्यों के लिए फिर से शुभ मुहूर्त मिलने लगते हैं। खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ जैसे मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं, लेकिन मकर संक्रांति के बाद ये शुभ काम फिर से शुरू हो जाएंगे।


4. राजा भागीरथ के पूर्वजों को मोक्ष नहीं मिला था। पूर्वजों के मोक्ष के लिए देवी गंगा को स्वर्ग से धरती पर लाना था। देवी गंगा को धरती पर लाने का काम राजा भागीरथ ने अपनी तपस्या से किया था। देवी गंगा धरती पर आईं तो मकर संक्रांति पर भागीरथ के पूर्वजों की अस्थियों से गंगा जल स्पर्श हुआ था और सभी पूर्वजों को मोक्ष मिल गया था। इस मान्यता की वजह से मकर संक्रांति पर गंगा नदी में स्नान करने की परंपरा है।