महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को जेडीयू ने मजबूरी का फैसला बताया, श्याम रजक बोले - बराबरी के दर्जे से चलता है गठबंधन

1st Bihar Published by: RAHUL SINGH Updated Wed, 13 Nov 2019 11:54:58 AM IST

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को जेडीयू ने मजबूरी का फैसला बताया, श्याम रजक बोले - बराबरी के दर्जे से चलता है गठबंधन

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PATNA : महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के फैसले को जेडीयू ने मजबूरी का फैसला बताया है। जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और नीतीश सरकार के मंत्री श्याम रजक ने कहा है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। श्याम रजक ने कहा है कि सरकार गठन के लिए जो आंकड़े चाहिए थे वह कोई भी दल महाराष्ट्र में नहीं ला सका लिहाजा राष्ट्रपति शासन के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। 


एनडीए में कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने के सवाल पर श्याम रजक ने कहा है कि केसी त्यागी ने इस मामले पर अपनी निजी राय रखी है और वह उनके बयान का स्वागत करते हैं। श्याम रजक ने कहा कि गठबंधन में कोई बड़ा और छोटा भाई नहीं होता है। घटक दलों के बीच रिश्ता बराबरी का होता है इस लिहाज जेडीयू एनडीए में कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांग नहीं कर रहा बल्कि हम यह सलाह दे रहे हैं कि आपसी तालमेल के लिए कोआर्डिनेशन कमेटी बननी चाहिए।


जेडीयू नेता ने कहा है कि बिहार और महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फर्क है। बिहार हमेशा शासन में अग्रणी रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि जनता के दिलों दिमाग में अलग है। श्याम रजक ने कहा है कि महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच क्या बातचीत हुई इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। जेडीयू का गठबंधन बीजेपी के साथ केवल बिहार में है, राज्य के बाहर जेडीयू एनडीए का हिस्सा नहीं हैं