सहरसा में सनसनीखेज खुलासा: दो कट्ठा जमीन के लिए बेटे ने की पिता की बेरहमी से हत्या, पुलिस ने दबोचा Bihar News: बिहार में अर्घ्य देने के दौरान दो पक्षों में जमकर मारपीट, कई लोग घायल; जानें क्या है मामला? Bihar Crime News: बिहार में बाइक सवार बदमाशों ने किसान की गोली मारकर हत्या, एक अपराधी गिरफ्तार Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में गोलीबारी के बाद मचा हड़कंप, मुखिया समेत 2 गिरफ्तार Bihar News: बिहार में छठ घाट बनाने के दौरान युवक की डूबने से मौत, परिवार में मचा कोहराम Chhath Puja Tragedy : छठ घाट पर दर्दनाक हादसा: एक ही परिवार के तीन मासूम डूबे, सुरक्षा इंतजाम की खुली पोल Barh Heart Attack : छठ पूजा के दौरान अर्घ्य अर्पित करते समय श्रद्धालु की हार्ट अटैक से मौत, गंगा घाट पर मची अफरा-तफरी Bihar Election 2025 : तेजस्वी यादव का बड़ा बयान: “हमारा चेहरा तय, एनडीए बताए उनका विजन क्या है” – महागठबंधन का घोषणा पत्र जारी ! IB Vacancy 2025 : इंटेलिजेंस ब्यूरो में टेक्निकल पदों पर निकली 258 वैकेंसी, GATE स्कोर से होगा चयन IRCTC घोटाला मामला: चुनाव प्रचार के बीच लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ीं, राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने दी कड़ी दलील, कहा- 'चुनाव प्रचार और केस दोनों संभालना मुश्किल'
1st Bihar Published by: Updated Thu, 14 Nov 2019 09:28:02 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : देश-दुनिया में गणित के फॉर्मूले का लोहा मनवाने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज निधन हो गया. वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन की खबर मिलते ही देश भर में शोक की लहर छा गई है.
महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शोक जताया है. जीतन राम मांझी ने कहा कि वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन से समाज को अपूर्णीय क्षति पहुंची है.

वशिष्ठ नारायण सिंह का जन्म 2 अप्रैल 1942 को बिहार के भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव में हुआ था. विलक्ष्ण प्रतिभा के धनी वशिष्ठ नारायण ने 1961 में बिहार बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा में टॉप किया था और पटना के साइंस कॉलेज से पढ़ाई की. 1963 में गणित का अध्ययन करने के लिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले गए और 1969 में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और एक एसोसिएट साइंटिस्ट प्रोफेसर के रूप में नासा में शामिल हो गए।

1972 में, वह भारत लौट आए और IIT, कानपुर में लेक्चरर के रूप में शामिल हुए। अगले पांच वर्षों के दौरान, उन्होंने आईआईटी कानपुर, टीआईएफआर, मुंबई और आईएसआई, कोलकाता में भी पढ़ाया.

लगभग 40 साल से सिजोफ्रेनिया बीमारी से पीडि़त वशिष्ठ नारायण सिंह अपने भाई अयोध्या सिंह के साथ पटना में रहते थे. एक वक्त था, जब इस महान गणितज्ञ का लोहा हिन्दुस्तान ही नहीं बल्की अमेरिका जैसा विकसित देश भी मानता था. लेकिन सिजोफ्रेनिया से पीड़ित होने के बाद वे पटना के एक अपार्टमेंट में गुमनामी का जीवन बिता रहे थे.