महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर नहीं बनी बात, बीजेपी हमलावर

महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर नहीं बनी बात, बीजेपी हमलावर

PATNA: महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर दिल्ली में राजद और कांग्रेस की बैठक हुई लेकिन इसका नतीजा फिर कुछ नहीं निकला। कांग्रेस बिहार में 10 सीट मांग रही है जबकि आरजेडी 8 सीट देना चाह रही है। इसी को लेकर दोनों दलों के बीच बात नहीं बन पाई है। इसे लेकर बीजेपी हमलावर हो गयी है। बीजेपी का कहना है कि यह महागठबंधन को तय करना है कि कब घोषणा करे कब ना करे सब लड़े क्या फर्क पड़ता है।  


लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रचार प्रसार के लिए बीजेपी ने बिहार में अपने 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। कल अंतिम दौर का नॉमिनेशन है जिसके बाद चुनाव प्रचार का अभियान शुरू होगा। इस पर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अभी सात बार स्टार प्रचारकों की सूची जारी की जाएगी। 


उन्होंने कहा कि बिहार भारत का अंग है भारत में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जो काम किया है उसकी चर्चा सभी प्रदेशों में करेंगे। महागठबंधन में अभी तक सीटों की घोषणा नहीं होने पर सम्राट चौधरी ने कहा कि यह महागठबंधन को तय करना है कि कब घोषणा करे कब ना करे सब लड़े क्या फर्क पड़ता है। 


वही महागठबंधन में अब तक सीट शेयरिंग नहीं किये जाने पर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जिसका आधार परिवार और स्वार्थ का रखा गया है और हिडेन एजेन्डा को लेकर वो लोग शुरू से चल रहे है। कोई राष्ट्र और समाज की सेवा का उनका मिशन नहीं है। गड़बड़ी तो शुरुआत में ही हो गयी है जो लोग उस गड़बड़ी को भाप कर निकल गये जो रह गये वो फंस गये। 


विजय सिन्हा ने आगे कहा कि राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस रही है कांग्रेस की यह मजबुरी कही ना कही उसकी साख और प्रतिष्ठा घट रही है जनता के बीच का विश्वास खत्म हो रही है। कांग्रेस किसी तरह सत्ता हासिल करना चाहती है। चाहे वो परिवारवादी हो या भ्रष्टाचारी या अपराधी हो ऐसी मानसिकता से समझौता करके किसी तरह गठबंधन को बरकरार रखना यह लोकतंत्र के लिए घातक है। 


उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय पार्टी हमेशा राष्ट्र हित और जनता के हित को प्रथम रखे क्षेत्रीय पार्टी के साथ समझौता राष्ट्र हित को बली चढ़ाकर करने वाले लोग कभी लोकतंत्र के रक्षक नहीं बन सकते। 



वही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर कहा कि केजरीवाल नैतिकता की दुहाई देते थे ये लोकतंत्र की कही ना कही बड़ी बिडंबना या खामी है कि केजरीवाल जैसे लोग लोकतंत्र के कुछ कमियां और खामियां के संविधान के तहत कुछ प्रावधानों को साइलेंट मौन का फायदा उठाते है। 


उन्होंने कहा कि राजनीति में लोक लज्जा सबसे बड़ी दौलत होती है सबसे बड़ा आभूषण होता है जो व्यक्ति लोक लज्जा को त्याग दिया अपराध और भ्रष्टाचार से गठबंधन और दोस्ती करके सत्ता प्राप्ति के लिए समझौता करता है उस व्यक्ति की यही गति होती है। जनता को एक बार दो बार गलती से भ्रमित कर सकता है लेकिन स्थायी राजनीति वो नहीं कर सकता।