PATNA: डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड के दोषी आनंद मोहन की रिहाई पर नीतीश कुमार भले ही तरह-तरह की सफाई दे रहे हों लेकिन उनके महागठबंधन के विधायक ने ही सरकार को नंगा कर दिया है. महागठबंधन के एक विधायक ने कहा है- एक ओऱ आप सामंती औऱ आपराधिक प्रवृति के लोगों के साथ गलबहियां कर रहे हैं और दूसरी ओर दलित-पिछड़ों की बात करेंगे, ये नहीं हो सकता. विधायक ने कहा है- नीतीश का चरित्र नहीं बदला है. अपराधियों और सामंती के साथ उनका पुराना रिश्ता रहा है और वही अभी भी सामने आ रहा है. नीतीश कुमार की नियत में खोट है.
सीपीएम विधायक का सबसे बडा हमला
बिहार में महागठबंधन में शामिल पार्टी सीपीएम के विधायक सत्येंद्र यादव ने आज नीतीश कुमार पर सबसे बड़ा और तीखा हमला बोला है. फर्स्ट बिहार से बात करते हुए सत्येंद्र यादव ने आनंद मोहन की रिहाई को महागठबंधन के लिए आत्मघाती कदम करार दिया. सत्येंद्र यादव ने कहा कि नीतीश अपना आधार पहले ही खो चुके हैं, वे नया आधार बनाने की कोशिश कर रहे हैं उसमें कतई सफल नहीं होंगे. विधायक ने कहा-महागठबंधन के साथ चलने वाली जो जनता है, उसमें गलत मैसेज जा रहा है. एक साथ दोनों काम एक साथ नहीं चल सकता है. एक ओऱ आप सामंती औऱ आपराधिक प्रवृति के लोगों के साथ गलबहियां भी कर सकते हैं औऱ दलित-पिछड़ों की बात भी कर सकते हैं. आनंद मोहन की रिहाई से बहुत गलत संदेश गया है, सरकार इस पर तत्काल पुनर्विचार करे.
राजपूत वोट के गफलत में नहीं रहे नीतीश
सीपीएम विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि नीतीश जी गफलत में जी रहे हैं, राजपूत वोट महागठबंधन में आने वाला नहीं है. यहां राजपूत वोटर आने वाले नहीं होंगे बल्कि इधर से जाने वालों की लाइन लग जायेगी. राजपूत वोट पूरी तरह से बीजेपी के साथ है. कहीं-कहीं इक्का दुक्का वोट उम्मीदवार के नाम पर मिल जाता है. राजपूत को साधने के चक्कर में लेकिन दलित-पिछड़ों में गलत मैसेज जा रहा है.
ये महागठबंधन की सरकार है. लेकिन महागठबंधन के वोटरों की परवाह किये बगैर नीतीश कुमार ने तत्परता के साथ आनंद मोहन की रिहाई की पहल की. उनकी बेटी की शादी में गये. राजपूत समाज की बैठक में कहा कि हमने क्या क्या किया वह उनकी पत्नी से पूछिये. बिहार में महागठबंधन की सरकार दलित, पिछड़ा और गरीबों के वोट से बनी है. उनके लिए नीतीश कुमार ने क्या किया.
नीतीश कुमार की नियत में खोट
विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि नीतीश कुमार की नियत में जो खोट है वह राजनीतिक तौर पर सामने आ गयी है. उनके मन में दलितों-पिछड़ों के लिए कोई सहानुभूति नहीं है. सामंती और अपराधियों के लिए उनका प्यार फिर सामने आ गया है. 2004 में जो उनका रोल था अपराधियों को साधने का. नीतीश जी फिर अपराधियों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. ये महागठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं है. नीतीश का चरित्र नहीं बदला है. अपराधियों और सामंती के साथ उनका पुराना रिश्ता रहा है और वही अभी भी सामने आ रहा है.
शराब के केस में बंद सारे लोगों को रिहा करें
विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि नीतीशजी जिस तरह से अपराधियों के साथ गलबहियां कर रहे हैं, उससे दलित, अति पिछ़डे औऱ पिछ़डों में भारी नाराजगी है. नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू कर दिया. जितने लोग शराबबंदी में जेल गये हैं उनका आंकडा प्रकाशित करें. सबसे ज्यादा दलित, पिछ़ड़ों के लोग जेल गये हैं. अगर उनको महागठबंधन के वोटरों फिक्र होती तो वे शराबबंदी कानून पर विचार करके इस कानून के तहत जेल गये लोगों को छुड़वाने के लिए तमाम मुकदमों को वापस ले लेना चाहिये था. इससे जनाधार बढता. लेकिन नीतीश कुमार की सहानुभूति अपराधी औऱ माफिया के प्रति दिख रही है. ऐसे काम नहीं चलेगा. महागठबंधन अगर भाजपा को हराना चाहता है तो शराब के केस में बंद सारे दलितों और पिछड़ों को रिहा करे. नीतीश कुमार में अगर थोड़ी भी नैतिकता है तो शराबबंदी के तानाशाही कानून के तहत जेल में बंद दलित-पिछड़ों को तत्काल रिहा करें.