PATNA : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी घोटाले में केस चलाने की मंजूरी मिल गई है। सीबीआई ने मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी, जिसे गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। अब इस मामले की सुनवाई आज यानी 15 अक्टूबर को होनी है। इसको लेकर एक महीने पहले ही सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट को दी मंजूरी वाली कॉपी भी जमा की थी।
दरअसल, जमीन के बदले नौकरी घोटाले मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मिल गई थी। सीबीआई ने लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। अब इस मामले में आज अहम सुनवाई होनी है। इस मामले में 30 से ज्यादा आरोपी ऐसे हैं जिनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी का इंतजार है। सीबीआई ने अन्य आरोपियों के खिलाफ मंजूरी हासिल करने के लिए 15 दिन का और समय मांगा था। उसके बाद कोर्ट ने सीबीआई से अन्य आरोपियों के खिलाफ मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा था। अब इसी मामले में आज सुनवाई होगी।
वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन ‘घोटाले’ से जुड़े धन शोधन के एक मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी सहयोगी अमित कत्याल को जमानत दे दी। कत्याल को ईडी ने 11 नवंबर, 2023 को पीएमएलए के विभिन्न प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कत्याल ने रेलवे में नौकरी के इच्छुक कई लोगों से जमीन खरीदी और यह खरीद राजद प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद की ओर से की गई। ईडी ने दावा किया है कि कत्याल ‘एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी के निदेशक थे, जिसने लालू प्रसाद की ओर से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से जमीन खरीदी थी।
बता दें कि लालू यादव पर आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीनें तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और उनसे संबंधित कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी।