PATNA : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव को पटना के जिला अदालत से एक बड़ा झटका लगा है. चोरी में पकड़ी गई संपत्ति पर दावा करने वाले राबड़ी देवी के भाई साधु यादव की याचिका ख़ारिज कर दी गई है. कोर्ट ने 45 लाख के हीरे-जेवरात और 70 लाख कैश आयकर विभाग के हवाले सौंपने का निर्देश दिया है.
न्यायिक मजिस्ट्रेट दिव्या अमल ने चोरी में पकड़ी गई संपत्ति पर दावा करने वाले साधु यादव की याचिका खारिज करते हुए संपत्ति को आयकर विभाग के हवाले सौंपने का निर्देश दिया. दरअसल साधु यादव ने दावा किया था कि 7 साल पहले 2014 में उनके घर से लगभग एक करोड़ की जो संपत्ति चोरी हुई थी और उसके बाद चोरों को पकड़ने के बाद जो रुपया और सामान जब्त किए गए थे वह उन्हीं का था.
आपको बता दें कि साल 2014 में साधु यादव के आवास पर एक बड़ी चोरी हुई थी. जब साधु यादव अपने पिता की अंत्येष्टि के लिए गांव गए थे तब चोरों ने इनके आवास में बड़ा हाथ मारा था. चोर 70 लाख रुपये कैश और करीब 45 लाख के हीरे और जेवरात लेकर भाग गए थे. चोरी की इस घटना को लेकर फुलवारी शरीफ थाना में केस दर्ज कराया गया. पुलिस की चोरों को पकड़ा और उनके पास से कैश रुपए और जेवरात भी बरामद कर लिए. लेकिन फुलवारीशरीफ थाना ने रुपये और सामान को अपने मालखाना में रख लिया.
जब साधु यादव लौट कर आए तो बताया कि रुपए और हीरे और जेवरात उन्हीं के हैं, इसलिए उन्हें सौंप दिया जाए. लेकिन थानेदार ने इंकार करते हुए रुपए और सामान लौटाने से पहले औपचारिकता पूर्वक आयकर विभाग को इस बात की सूचना दी. आयकर विभाग ने साधु यादव से आय के स्रोत का ब्यौरा देने को कहा. लेकिन वे नहीं बता पाए. नियमत 10 लाख से अधिक की संपत्ति या रुपए पकड़े जाने पर आयकर की धारा 281 (B) के तहत आयकर विभाग को बताना पड़ता है.
आयकर की अधिवक्ता अर्चना सिन्हा ने कहा कि आयकर विभाग को जानकारी ही नहीं मिली और अर्जी दायर कर दी गई. इसलिए बिना देनदारी के रूपए- पैसे देने अनुचित होंगे.अब गुरूवार को अदालत ने साधु यादव को रुपए और जेवरात आदि लौटाने से मना करते हुए करीब एक करोड़ की संपत्ति को आयकर विभाग को सौंपने का निर्देश दिया है.