लालू पाल और जीतन शर्मा: नवादा में दलितों का घर जला तो नेताओं में जाति बताने की प्रतिस्पर्धा, आरजेडी समर्थकों में मांझी को गाली देने की होड़

लालू पाल और जीतन शर्मा: नवादा में दलितों का घर जला तो नेताओं में जाति बताने की प्रतिस्पर्धा, आरजेडी समर्थकों में मांझी को गाली देने की होड़

PATNA: बिहार के नवादा में महादलित बस्ती के घरों को आग लगा कर जलाने के मामले में नेतागिरी निचले स्तर पर आ गयी है. अब नेताओं में एक दूसरे की जाति बताने की होड़ मची है. लिहाजा लालू यादव को लालू पाल बताया जा रहा है तो जीतन राम मांझी को जीतन शर्मा बना दिया गया है. आरजेडी समर्थकों में जीतन राम मांझी को गाली देने की होड़ मची है.


अब आलम ये है कि जीतन राम मांझी सोशल मीडिया पर लालू यादव की असली जाति बता रहे हैं. मांझी कह रहे हैं कि लालू यादव नहीं पाल यानि गड़ेरिया हैं. अगर हिम्मत है तो वे सावर्जनिक तौर पर अपनी जाति बतायें. उधर तेजस्वी यादन कह रहे हैं कि जीतन राम मांझी को जीतन शर्मा के नाम से जाना जाता है. आरजेडी मीडिया सेल के लोगों में जीतन राम मांझी को पऊआ मारने वाले से चूहा खाने वाला बताने की होड़ मची है. 


बता दें कि नवादा जिले के मुफस्सिल थाना इलाके में देदौर गांव में नदी किनारे बसे कृष्णा नगर टोले के महादलित समाज के घरों को बुधवार की रात आग के हवाले कर दिया गया था. पुलिस कह रही है कि महादलित टोले के 21 घरों को जला दिया गया.  आरोपियों ने मौके पर फायरिंग भी की थी. पुलिस ने इस मामले में 28 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. पुलिस अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. जिला प्रशासन ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी और मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. पटना से भेजे गये एडीजी संजय सिंह, आईजी, डीएम और एसपी ने गुरुवार को घटनास्थल का जायजा लिया. 


आरजेडी के प्रचार पर मांझी का जवाब

नवादा की घटना के बाद आरजेडी और कांग्रेस दोनों ने इस मामले को जातीय रंग देने की पूरी कोशिश की. दोनों पार्टियों के नेता लगातार ये कहते रहे कि दलितों की बस्ती को दबंगों ने जला दिया है. इशारा ये था कि सवर्णों ने इस घटना को अंजाम दिया है. लेकिन पीडितों के बयान और पुलिस की एफआईआर ने असली कहानी को सामने ला दिया. विवाद दलित तबके की दो जातियों के बीच था. जो एफआईआर दर्ज करायी गयी है उसमें उन्हीं तबके के लोग आरोपी बनाये गये हैं.


लेकिन इस घटना में मांझी के ताबड़तोड़ हमले से आरजेडी और कांग्रेस में भारी बौखलाहट फैल गयी. नवादा की घटना को तेजस्वी यादव से लेकर राहुल गांधी तक अलग रंग देने में लगे थे. सोशल मीडिया पर राहुल गांधी ने लिखा“नवादा में महादलितों का पूरा टोला जला देना, 80 से ज़्यादा परिवारों के घरों को नष्ट कर देना बिहार में बहुजनों के विरुद्ध अन्याय की डरावनी तस्वीर उजागर कर रहा है। अपना घर-संपत्ति खो चुके इन दलित परिवारों की चीत्कार और भयंकर गोलीबारी की गूंज से वंचित समाज में मचा आतंक भी बिहार की सोई हुई सरकार को जगाने में कामयाब नहीं हो पाए। भाजपा और NDA के सहयोगी दलों के नेतृत्व में ऐसे अराजक तत्व शरण पाते हैं - भारत के बहुजनों को डराते हैं, दबाते हैं, ताकि वो अपने सामाजिक और संवैधानिक अधिकार भी न मांग पाएं.”


मांझी ने आरजेडी को लपेटा

नवादा की घटना पर कांग्रेस औऱ आरजेडी की कहानी का जवाब देने सबसे पहले जीतन राम मांझी सामने आये. मांझी ने गुरूवार की सुबह लिखा.“हमारे देश में विपक्ष की विचित्र लीला है, विपक्ष के लोग पहले दलितों पर अत्याचार करवातें हैं फिर उस घटना को मुद्दा बनाकर सरकार के कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं। नवादा की घटना में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उसमें 90 फीसदी लोग एक जाति विशेष के हैं और राजद समर्थक हैं। राहुल गांधी जी अब इस पर कुछ बोलेंगें या फिर चुप्पी साध लेंगें. हमारे देश में विपक्ष की विचित्र लीला है, विपक्ष के लोग पहले दलितों पर अत्याचार करवातें हैं फिर उस घटना को मुद्दा बनाकर सरकार के कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं. नवादा की घटना में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उसमें 90 फीसदी लोग एक जाति विशेष के हैं और राजद समर्थक हैं. राहुल गांधी जी अब इस पर कुछ बोलेंगें या फिर चुप्पी साध लेंगें.” 


आरजेडी समर्थकों का ओछा हमला 

नवादा मामले में आरजेडी पर आरोप लगाने के बाद जीतन राम मांझी पर तेजस्वी समर्थकों ने हमला करना शुरू कर दिया. आरजेडी मीडिया और आईटी सेल से जुडे लोगों ने जीतन राम मांझी को पऊआ पीने वाला से लेकर चूहा फ्राई खाने वाला तक बताना शुरू कर दिया. मांझी को लेकर कई और अपशब्द कहे गये. सोशल मीडिया पर आरजेडी नेताओं में मांझी को कोसने की होड़ मची रही.


नाराज मांझी ने लालू की जाति बतायी

आरजेडी नेताओं के हमलों से नाराज मांझी लालू यादव की जाति बताने पर उतर आये. जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया पर लिखा“विपक्षी दलों के गुंडे हमारे घर,दरवाजों को तोड़ सकतें पर हमारे लोगों का हौसला नहीं तोड़ सकतें. घर जलाने वाले लोगों के संरक्षक लालू पाल(गरेड़ी) जी आप राजनीति के लिए अपनी जाति छुपा सकतें हैं पर हम नहीं. हम गर्व से कहतें हैं “हम मुसहर हैं” लालू जी में हिम्मत है तो वह भी कहकर दिखाएं कि हम गरेड़ी हैं. लालू जी! पुरे बिहार में दलितों के जमीन पर और मुसलमानों के क़ब्रिस्तानों पर किस पार्टी के समर्थकों का क़ब्जा रहा है यह सबको पता है. आपने और आपके लोगों ने बहुत दबा लिया हमलोगों को,अब करारा जवाब मिलेगा.”


जवाब देने तेजस्वी उतरे

जीतन राम मांझी ने जब लालू यादव की जाति बतायी तो जवाब देने के लिए तेजस्वी यादव सामने आये. तेजस्वी यादव ने पटना में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जीतन राम मांझी को जीतन शर्मा के नाम से पुकारा जाता है. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी को दलितों का घर जलाने वालों पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री से मिलना चाहिये. ज्ञापन देना चाहिये. ये सब क्यों नहीं किया.