लालू परिवार में छिड़े घमासान पर BJP के मंत्री बोले.. मम्मी–पापा से पूछिए छोटे भाई को क्यों दी विरासत

लालू परिवार में छिड़े घमासान पर BJP के मंत्री बोले.. मम्मी–पापा से पूछिए छोटे भाई को क्यों दी विरासत

 PATNA: राष्ट्रीय जनता दल और लालू परिवार में छिड़े घमासान के बीच विरोधियों को तंज कसने का खूब मौका मिल रहा है। बीजेपी कोटे से नीतीश कैबिनेट में मंत्री प्रमोद कुमार ने लालू परिवार में चल रहे विवाद को लेकर तंज कसा है। मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा है कि तेज प्रताप यादव को अपने मम्मी पापा से पूछना चाहिए कि आखिर छोटे भाई को विरासत क्यों सौंप दी। बड़े भाई होने के बावजूद तेजप्रताप को क्यों नहीं उत्तराधिकारी बनाया?


बिहार में इफ्तार को लेकर चल रहे सियासत के बीच मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि धार्मिक सौहार्द के नजरिए से इसका आयोजन किया जाता है। एक दूसरे की स्टार पार्टी में बुलाने पर लोग जाते हैं। 


इसमें कोई खास बात नहीं लेकिन छोटे भाई के खड़े होते बड़े भाई अगर नीतीश कुमार के बगल में जा बैठते हैं तो इससे क्या समझा जाए दोनों भाइयों के बीच राबड़ी आवास पर इफ्तार पार्टी के दौरान जो हुआ वह सभी ने देखा उसी का परिणाम है कि अब विवाद इतना आगे बढ़ गया है।


जेडीयू नेता संजय झा के बाद बिहार के गन्ना एवं विधि मंत्री व बीजेपी नेता प्रमोद कुमार ने भी यह साफ तौर पर कह दिया है कि 2025 तक नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए के मुखिया के दौर पर बने रहेंगे।


लालू यादव अब किसी भी वक्त जेल से जमानत पर रिहा हो सकते हैं। इस पर मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि लालू जी एक बार जेल से बाहर आए तो उपचुनाव के दो सीट खा गये अब आगे क्या होगा देखते रहिए। उन्होंने कहा कि बोचहां सीट पर हुई हार की समीक्षा हम कर रहे हैं।


मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि बीजेपी राष्ट्रवादी पार्टी है जबकि आरजेडी परिवार वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि यदि लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप के साथ गलत हो रहा है। उन्हें हिस्सेदारी नहीं मिल रही है तो तेजप्रताप को थाने और न्यायालय में जाना चाहिए।


उन्होंने यह भी बताया कि दानवीर भामाशाह का जन्म आज ही दिन 28 अप्रैल 1547 को हुआ था। आज से जन्मोत्सव का कार्यक्रम पूरे राज्य में मनाया जा रहा है। इस मौके पर भामाशाह के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। 


वही इफ्तार पार्टी पर कहा कि इफ्तार पार्टी सद्भावना के प्रतिक है। हमलोग भी इफ्तार कर चुके है। आपसी भाईचारे का यह प्रतिक है। लेकिन राजद की इफ्तार में क्या कुछ हुआ इसमें पड़ने की जरूरत नहीं है। यह उनका पारिवारिक मामला है इसमें कुछ भी बोलने से क्या फायदा।