LAKHISARAI: भाजपा से नीतीश कुमार के तालमेल को लेकर लगातार बयान दे रहे प्रशांत किशोर पर जदयू नेता ललन सिंह ने सबसे बडा हमला बोला है. ललन सिंह ने कहा कि कुछ लोग टिटहरी की तरह टीं-टीं करते चल रहे हैं लेकिन उनकी बातों का कोई असर नहीं होने वाला है. बिहार में जदयू और भाजपा का गठबंधन हर हाल में बना रहेगा.
लखीसराय में पार्टी कार्यकर्ताओं से बोले ललन सिंह
लखीसराय में ललन सिंह पार्टी के विधानसभा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा “जदयू-भाजपा का गठबंधन टूटने वाला नहीं है. इसी गठबंधन में चुनाव होगा. कोई भ्रम नहीं पाले कि गठबंधन टूट जायेगा. बीच-बीच में कोई बोलता रहता है. एक चिड़िया होता है टिटहरी. वो रात में पैर उठाकर सोता है. उसको लगता है कि आसमान गिरेगा तो अपने पैर से आसमान को रोक लेगा. रात भर जब वो टांग उठा कर सोता है तो दिन भर बोलता रहता है-टीं, टीं, टीं. वो लोगों को बताता रहता है कि हम ही रात में आसमान को रोके थे.“
नाम लिये बगैर सब कह गये ललन सिंह
ललन सिंह ने प्रशांत किशोर का नाम तो नहीं लिया लेकिन सारी बात कह दी. उन्होंने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह घोषणा कर चुके हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए चुनाव लड़ेगा. फिर शंका कहां रह जाती है. लेकिन पार्टी के कुछ लोगों को पेट में दर्द हो रहा है. उनकी बात का नोटिस लेने की जरूरत नहीं है. ललन सिंह ने कहा कि अगर अखबार में उनका बयान छपे तो कार्यकर्ताओं को उसे फाड़ कर फेंक देना चाहिये. उसका नोटिस लेने की जरूरत नहीं है. बिहार में NDA मिलकर चुनाव लड़ेगा.
प्रशांत किशोर पर ललन सिंह का सबसे बड़ा हमला
ललन सिंह ने भले ही प्रशांत किशोर का नाम नहीं लिया लेकिन वहां मौजूद सारे कार्यकर्ता समझ रहे थे कि हमला किस पर किया जा रहा है. प्रशांत किशोर ही भाजपा के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं. ललन सिंह ने साफ साफ कहा कि बीजेपी के खिलाफ बयान का नोटिस लेने की जरूरत नहीं है. प्रशांत किशोर ये भी दावा करते रहे हैं कि उन्होंने नीतीश को सत्ता तक पहुंचाया. ललन सिंह ने उनकी तुलना टिटहरी से कर दी जो अपने पैरों से आसमान को गिरने से रोक लेने का भ्रम पालता है.
दरअसल नीतीश कुमार भले ही प्रशांत किशोर की बातें बर्दाश्त कर रहे हों, ललन सिंह और आरसीपी सिंह जैसे नेताओं ने प्रशांत किशोर के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है. आरसीपी सिंह और ललन सिंह के बीच इन दिनों गहरी दोस्ती है. वे किसी भी सूरत में प्रशांत किशोर के लाइन पर चलने को तैयार नहीं है. बड़ी बात ये है कि इन दोनों नेताओं को नकारना नीतीश कुमार के लिए मुमकिन नहीं है. वहीं भविष्य की राजनीति के लिए उन्हें प्रशांत किशोर की उपयोगिता समझ में आ रही है. लिहाजा प्रशांत किशोर को भी वे सीधे तौर पर खारिज नहीं सकते. ऐसे में नीतीश किसी तरह दोनों खेमों के बीच संतुलन बनाये रखने की कवायद में लगे हैं.