कुशवाहा के प्रेशर में JDU ने मारा यू टर्न: ललन सिंह बोले- 2025 में तेजस्वी का सीएम बनना तय नहीं, उपेंद्र के जाने का कोई असर नहीं

कुशवाहा के प्रेशर में JDU ने मारा यू टर्न: ललन सिंह बोले- 2025 में तेजस्वी का सीएम बनना तय नहीं, उपेंद्र के जाने का कोई असर नहीं

PATNA: नीतीश पर बिहार में जंगलराज की वापसी का आरोप लगाकर जेडीयू छोड़ने का एलान करने वाले उपेंद्र कुशवाहा का प्रेशर काम कर गया है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर कहा-2025 में कौन मुख्यमंत्री बनेगा ये तय नहीं है. ललन सिंह बोले-हम कभी कहें हैं कि 2025 में कौन मुख्यमंत्री बनेगा. जब समय आयेगा तब देखेंगे. वैसे ललन सिंह ने ये भी कहा कि उपेंद्र कुशवाहा आदतन पलटीमार हैं. उनके जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।


नीतीश और ललन में कौन सही?

सोमवार की दोपहर उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू छोड़ कर राष्ट्रीय लोक जनतादल बनाने का एलान किया था. उसके कुछ देर बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह जवाब देने के लिए मीडिया के सामने आये. लेकिन इसी दौरान ललन सिंह बड़ी बात बोल गये. ललन सिंह ने कहा कि ये अभी तय ही नहीं हुआ है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का कौन दावेदार होगा ये तय नहीं. ये 2025 में देखेंगे. ललन सिंह ने कहा-हम कभी कहें हैं कि 2025 में कौन सीएम पद का दावेदार होगा।


लेकिन ललन सिंह शायद भूल गये हैं कि कुछ दिनों पहले ही नीतीश कुमार ने खुद ये एलान किया था कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे. सवाल ये उठ रहा है कि नीतीश कुमार सही हैं या ललन सिंह. क्या जेडीयू उपेंद्र कुशवाहा के प्रेशर में आ गयी है. बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा यही कारण बता कर जेडीयू से अलग हुए हैं कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के हाथों में सत्ता सौंपने का एलान कर चुके हैं. वे बिहार को जंगलराज की ओर ढकेल रहे हैं।


कुशवाहा के जाने का असर नहीं

ललन सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा आदतन पलटीमार हैं. वे पहले भी दो बार जेडीयू छोड़ कर जा चुके हैं. उनके जाने का कोई असर नहीं हुआ. मामला कुछ और है. ये कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना वाला मामला है. उपेंद्र कुशवाहा पहले से ही दिल्ली और पटना की यात्रा कर रहे थे. वे किनके संपर्क मं  थे, ये हमें मालूम चल गया था. उनके कुनबे के लोगों ने ही हम लोगों को आकर बताया था कि उपेंद्र कुशवाहा कहां जाने के चक्कर में हैं. कुशवाहा के कुनबे के ज्यादातर लोग उनका साथ छोड़ कर हमारे साथ आ चुके हैं।


ललन सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा कहीं टिक ही नहीं सकते हैं. आप पूरा इतिहास निकाल लीजिये. जब से विधायक बने तब से लेकर आज तक का. वे अति महत्वाकांक्षी हैं. उपेंद्र कुशवाहा कह रहे हैं कि नीतीश कुमार अपनी मर्जी से फैसले नहीं करते. लेकिन नीतीश कुमार ने ही पार्टी के सारे लोगों की अनसुनी करके उन्हें जेडीयू में शामिल कराया था. पार्टी का हर नेता उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू में शामिल कराने का विरोधी था. अगर नीतीश जी अपने फैसले नहीं ले रहे तो कुशवाहा पार्टी में कैसे आ गये थे।


ललन सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जब जेडीयू में शामिल होने आये थे तो मैंने नीतीश कुमार से कहा था कि इनसे पूछ लीजिये कि कितने दिन पार्टी में रहेंगे. तब उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि अब जीना यहीं है, मरना यहीं है. मुझे कुछ नहीं चाहिये. मैं थक गया हूं. तो पार्टी ने थके हुए आदमी को विश्राम करने के लिए पद दिया था. उनके साथ जेडीयू का कोई आदमी नहीं है. उन्हें जहां जाना है जायें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।


ललन सिंह ने कहा कि आज वे जंगलराज की बात कर रहे हैं. उनसे पूछिये कि जब उन्होंने खुद राजद के साथ गठबंधन किया था तो जंगलराज नहीं आया था. उपेंद्र कुशवाहा खुद गये थे तेजस्वी यादव से मिलने के लिए. अरवल के सर्किट हाउस में वे जाकर तेजस्वी यादव से मिले थे. ललन सिंह ने कहा कि हमलोगों को मालूम हुआ था कि उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव से कहा था कि मुझे सीएम पद का दावेदार बना दीजिये. जब तेजस्वी ने मना कर दिया तो जंगलराज की बात आ गयी।