मधुबनी में अपराधी बेलगाम: बाइक सवार उचक्कों ने 3 लाख रुपये से भरा बैग दंपति से छीना बिहार में अपराधियों का तांडव जारी: दंपति पर अंधाधुंध फायरिंग, महिला की हालत गंभीर 2025 में 21 से ज्यादा खिलाड़ी कर चुके संन्यास की घोषणा, इनमें से 7 Team India के E-Rickshaw Safety: अब ई-रिक्शा में भी पाएं गाड़ियों वाली सुरक्षा, जनता का सबसे बड़ा डर ख़त्म करने चली मोदी सरकार सुपौल में यथासंभव काउंसिल का शिक्षक सम्मान समारोह, संजीव मिश्रा ने किया सम्मानित मुजफ्फरपुर में चिराग की सभा में लगा यह नारा.."बिहार का सीएम कैसा हो, चिराग पासवान जैसा हो" Katihar News: कटिहार में फिर से उफान पर नदियां, गोदाम की दीवार गिरने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान Katihar News: कटिहार में फिर से उफान पर नदियां, गोदाम की दीवार गिरने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान Bihar Politics: इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को मुकेश सहनी ने दी शुभकामनाएं, MP-MLA से की यह अपील Bihar Politics: इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को मुकेश सहनी ने दी शुभकामनाएं, MP-MLA से की यह अपील
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 16 Dec 2024 11:13:30 PM IST
- फ़ोटो
हिंदू धर्म में कलावा या रक्षा सूत्र को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, जो पूजा, यज्ञ, संस्कारों और अन्य धार्मिक कर्मों के पहले बांधी जाती है। इसे मौली भी कहा जाता है और यह धार्मिक आस्था और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। इसके कई आध्यात्मिक, ज्योतिषीय और शारीरिक लाभ हैं।
कलावा किस हाथ में बांधना चाहिए?
पुरुषों और कुंवारी कन्याओं के लिए: दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए।
विवाहित महिलाओं के लिए: बाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह नियम इस आधार पर हैं कि अलग-अलग हाथों में कलावा बांधने से विभिन्न ग्रहों के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है।
कलावा कलाई पर कितनी बार लपेटना चाहिए?
कलावा कलाई पर तीन, पांच या सात बार लपेटा जाता है।
ध्यान रखें कि हाथ में एक सिक्का रखा जाए और उसे पूजा के बाद पंडित को दे दिया जाए।
कलावा कब खोलना चाहिए?
कलावा को किसी भी दिन या समय में नहीं खोला जाना चाहिए।
मंगलवार या शनिवार को कलावा खोलना शुभ माना जाता है।
पुराना कलावा खोलने के बाद, पूजा घर में बैठकर नया कलावा बांधना उचित होता है।
पुराना कलावा कहां रखें?
पुराना कलावा फेंकना नहीं चाहिए। इसे पीपल के पेड़ के नीचे रखा जा सकता है या बहते पानी में प्रवाहित किया जा सकता है।
कलावा से सेहत को लाभ
आयुर्वेद के अनुसार, कलाई से होकर शरीर की मुख्य नसें गुजरती हैं, इसलिए यहां कलावा बांधने से त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) के संतुलन में मदद मिलती है।
यह मधुमेह, हृदय रोग, और रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्र में कलावा का महत्व
लाल या केसरी कलावा मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करता है और व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
काले रंग का धागा शनि ग्रह के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए बांधा जाता है।
कलावा बांधने के फायदे
त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) और तीन देवियों (लक्ष्मी, पार्वती, सरस्वती) की कृपा प्राप्त होती है।
यह व्यक्ति को मारण, मोहन, विद्वेषण और जादू-टोने से सुरक्षा प्रदान करता है।
मौली बांधने से मानसिक शांति और पवित्रता बनी रहती है, जिससे व्यक्ति बुरे विचारों से बचता है और गलत रास्तों से दूर रहता है।
कमर में बांधने के लाभ
कमर में बांधने से सूक्ष्म शरीर स्थिर रहता है और बुरी आत्माओं का प्रवेश रोकता है।
यह विशेष रूप से बच्चों को बांधा जाता है, जिससे पेट के रोगों से बचाव होता है।
कलावा बांधने से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर सुरक्षा, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।