Bihar weather update : बिहार में बढ़ेगी ठंड: दिसंबर के पहले सप्ताह से तापमान में गिरावट, कई जिलों में छाया कोहरा Bihar News: तेज रफ्तार बोलेरो और बाइक की जोरदार टक्कर, हादसे में एक की मौत; दूसरा युवक घायल Bihar News: तेज रफ्तार बोलेरो और बाइक की जोरदार टक्कर, हादसे में एक की मौत; दूसरा युवक घायल Bihar News: बिहार के युवाओं के लिए अच्छी खबर, इतने पदों पर होगी स्पोर्ट्स ट्रेनर की भर्ती; जान लीजिए लास्ट डेट Bihar News: बिहार के युवाओं के लिए अच्छी खबर, इतने पदों पर होगी स्पोर्ट्स ट्रेनर की भर्ती; जान लीजिए लास्ट डेट Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में कफ सिरप और विदेशी शराब की बड़ी खेप जब्त, नशे के तीन सौदागर अरेस्ट Bihar Crime News: खेत से बुजुर्ग व्यक्ति का शव मिलने से सनसनी, परिजनों ने हत्या की जताई आशंका Bihar Crime News: खेत से बुजुर्ग व्यक्ति का शव मिलने से सनसनी, परिजनों ने हत्या की जताई आशंका Bihar Crime News: सरकारी स्कूल की रसोइया ने प्रिंसिपल पर लगाया रेप का आरोप, पुलिस ने किया अरेस्ट Bihar Crime News: सरकारी स्कूल की रसोइया ने प्रिंसिपल पर लगाया रेप का आरोप, पुलिस ने किया अरेस्ट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 29 Dec 2024 11:46:17 PM IST
- फ़ोटो
Kaal Sarp Dosh: राहु और केतु को ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है। ये दोनों ग्रह वक्री चाल चलते हैं और एक राशि में लगभग डेढ़ साल तक रहते हैं। इनकी स्थिति से व्यक्ति के जीवन में शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। कुंडली में राहु और केतु के कारण बनने वाले दोषों में कालसर्प दोष सबसे जटिल और कष्टकारी माना जाता है।
शेषनाग कालसर्प दोष
जब राहु कुंडली के बारहवें भाव और केतु छठे भाव में स्थित होते हैं, और इनके मध्य अन्य सभी ग्रह आ जाते हैं, तो यह स्थिति शेषनाग कालसर्प दोष बनाती है। यह दोष जातक के जीवन में कई प्रकार की समस्याओं का कारण बनता है।
शेषनाग कालसर्प दोष के प्रभाव
अकल्पनीय घटनाएं: दोष से पीड़ित जातक के जीवन में अचानक घटनाओं का खतरा बना रहता है।
पेट संबंधी परेशानी: जातक को पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं।
स्वभाव में बदलाव: राहु और केतु की ऊर्जा के कारण जातक के स्वभाव में क्रोध, अस्थिरता और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है।
यात्रा में सावधानी: इस दोष से पीड़ित जातक को यात्रा करते समय विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
प्रगति में बाधा: यह दोष करियर, संबंधों और आर्थिक स्थिति में रुकावट पैदा करता है।
शेषनाग कालसर्प दोष के निवारण के उपाय
भगवान शिव की पूजा:
प्रतिदिन भगवान शिव का जलाभिषेक करें।
सोमवार को विशेष रूप से शिवलिंग पर बेलपत्र, कच्चा दूध और गंगाजल चढ़ाएं।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप:
नियमित रूप से "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥" मंत्र का 108 बार जाप करें।
यह मंत्र जीवन में शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।
हनुमान चालीसा का पाठ:
प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें। यह राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को कम करता है।
सर्प दोष पूजा:
किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर नाग पंचमी या किसी शुभ मुहूर्त में कालसर्प दोष निवारण पूजा कराएं।
उज्जैन, त्र्यंबकेश्वर और काशी जैसे पवित्र स्थानों पर यह पूजा विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है।
दान-पुण्य:
राहु और केतु से जुड़े दोषों को कम करने के लिए काले तिल, उड़द दाल, और लोहे का दान करें।
गरीबों को भोजन कराना भी दोष निवारण में सहायक होता है।
सफेद वस्त्र पहनना:
सोमवार को सफेद वस्त्र पहनें और शांत स्वभाव बनाए रखें।
नाग नागिन का पूजन:
नाग-नागिन की पूजा करें और उन्हें दूध अर्पित करें।
कालसर्प दोष के प्रति सावधानियां
किसी भी उपाय को अपनाने से पहले ज्योतिषाचार्य से अपनी कुंडली का विश्लेषण कराएं।
दोष की अनदेखी करने से जीवन में कष्ट बढ़ सकते हैं।
नियमित पूजा और सत्कर्म से दोष का प्रभाव कम किया जा सकता है।
शेषनाग कालसर्प दोष जीवन में अनेक चुनौतियां ला सकता है, लेकिन उचित पूजा-पाठ और ज्योतिषीय उपायों से इन समस्याओं को कम किया जा सकता है। भगवान शिव की भक्ति और महामृत्युंजय मंत्र का जाप इस दोष से मुक्ति पाने के लिए अत्यंत प्रभावी है।