किस्सा कुर्सी का: गया पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा तो उनके लिए कुर्सी खोजने में जिला प्रशासन के पसीने छूटे

किस्सा कुर्सी का: गया पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा तो उनके लिए कुर्सी खोजने में जिला प्रशासन के पसीने छूटे

GAYA: बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा आज गया के दौरे पर हैं। वे मंदिर में पूजा पाठ से लेकर दो बैठकों में शामिल होने गये हैं। विधानसभा अध्यक्ष गया तो पहुंच गये लेकिन वे कैसी कुर्सी पर बैठेंगे, इसके फेरे में जिला प्रशासन खासा परेशान रहा। काफी मेहनत मशक्कत के बाद वह कुर्सी तलाशी गयी जिस पर विधानसभा अध्यक्ष विराजमान हो सकें। 


दरअसल विधानसभा अध्यक्ष का पद संवैधानिक होता है उनके पद की गरिमा को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से अलग से कुर्सी का भी इंतजाम किया गया. विधानसभा अध्यक्ष के लिए ऐसी कुर्सी तलाशी गयी कि दूर से ही नजर आ जाए कि यह कुर्सी कुछ अलग है. गया में जिला प्रशासन के पास बड़ी संख्या में कई तरह कुर्सी है. लेकिन ऐसी कोई कुर्सी नहीं जिसे दूर से देख कर लगे कि कोई संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का आसन है. 


इस बीच विधानसभा अध्यक्ष आज सुबह ही गया पहुंच गये. गया पहुंचते ही वे सबसे पहले विष्णुपद मंदिर में पूजा अर्चना गए. उसके बाद उन्हें दो बैठकों में शामिल होना था. इसी दौरान जिला प्रशासन ने लकड़ी से बनी ऊंची कुर्सी की खोज शुरू की. ऐसी कुर्सी तलाशी जा रही थी जिसका पीछे का हिस्सा काफी ऊंचा हो.  ताकि वह दूर से ही संवैधानिक पद का अहसास दिलाये. लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों और कर्मियों को ऐसी कुर्सी कहीं नहीं मिली।


मगध यूनिवर्सिटी से मंगवायी गयी कुर्सी

इसी बीच किसी अधिकारी ने बताया कि मगध विश्वविद्यालय में ऐसी कुर्सी है. यूनिवर्सिटी में एक ऐसी कुर्सी है जिस पर विश्वविद्यालय के वीसी बैठते हैं. जैसे ही इस बात की जानकारी जिला प्रशासन के अधिकारियों को मिली, वैसे ही उस कुर्सी को एमयू से मंगवाने की व्यवस्था की गयी. उधर मंदिर में पूजा पाठ के बाद विधानसभा अध्यक्ष को गया संग्रहालय में पहली बैठक करनी थी. जिला प्रशासन ने आनन फानन में यूनिवर्सिटी से कुर्सी मंगवायी और उसे संग्रहालय के सभागार में रखा गया।


विधानसभा अध्यक्ष को संग्रहालय की बैठक के बाद जिला समाहरणालय में दूसरी बैठक करनी थी. दोपहर तीन बजे से ये बैठक होनी थी. विधानसभा अध्यक्ष संग्रहालय से बैठक कर निकले और उनके उठते ही खास कुर्सी भी वहां से उठवा ली गयी. उनके समाहरणालय पहुंचने से दस मिनट पहले वही कुर्सी मंगवाई गई और डीएम सभागार के मंच पर रख दिया गया. इसी कुर्सी पर बैठकर विधानसभा अध्यक्ष ने संवैधानिक अधिकारों, शुचिता और अपराध मुक्त पंचायत गांव पर चर्चा की।