पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
MOTIHARI : पूर्व सांसद आनंद मोहन शनिवार को मोतिहारी पहुंचे और उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि शिवहर लोकसभा क्षेत्र से जदयू प्रत्याशी व उनकी पत्नी लवली आनंद की एकतरफा जीत होगी। शिवहर लोकसभा क्षेत्र में विपक्ष लड़ाई में कहीं नहीं है। खुद को बाहुबली और बाहरी कहे जाने पर आनंद मोहन खुलकर बोले और कहा कि बाहुबली होना कोई गलत बात नहीं है।
पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि दबंग होना कोई बुरी बात नहीं है। आप लोग बाहुबली भी कहते हैं लेकिन यह नहीं कहते कि आनंद मोहन की लिखी पुस्तक राजकमल जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। पहली कहानी जो मैंने लिखी वह किसी राजे रजवाड़े या कोई प्रेम कहानी नहीं थी, बल्कि दशरथ मांझी के ऊपर लिखी, गई है, जो सीबीएसई से स्वीकृत हुआ है। जिसे पढ़कर बच्चे डिग्रियां प्राप्त कर रहे हैं और इंजीनियर, आईपीएस और आईएएस बनते हैं।
उन्होंने कहा कि दबंग होना अगर लुटेरों और भ्रष्ट ऑफिसरों में खौफ पैदा करे तो दबंग होना बेहतर है। शिवहर लोकसभा क्षेत्र में बाहरी कहे जाने पर आनंद मोहन ने कहा कि जो पार्टी यह सवाल पूछ रही है, उनसे पूछिए कि पिछली बार गया से उम्मीदवार कौन लाया और आज उनका उम्मीदवार कहां से है जो यह सवाल पूछ रहे हैं। उनका उम्मीदवार कहां का है? हर व्यक्ति अपने गांव से बाहर बाहरी है।
आनंद मोहन ने कहा कि वीरों और नदियों की ना कोई जात होती है और न ही कोई स्थान होता है। वह जिधर से निकल पड़ता है, अपना रास्ता बना लेता है और जहां रुक जाता है झील बनकर लोगों की प्यास बुझाता है। मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि गोपालगंज के उनके जो नेता हैं, वह किस आधार पर मधेपुरा से चुनाव लड़ने गए थे। गोपालगंज की रहने वाली पाटलिपुत्र से कैसे चुनाव लड़ रही है। आज गुजरात से नरेंद्र भाई मोदी निकले और बनारस में परचम फहरा दिया। आनंद मोहन सहरसा से निकले और शिवहर की जनता ने उन्हें अपना लिया।