Bihar News: प्रदेश के सभी पंचायतों में होगी सोलर लाइट की जांच, जानें किस वजह से लिया गया यह फैसला Online Fraud: पिछले 37 दिनों में साइबर ठगी से बचे 61 लाख लोग, तरीका जान आप भी कहोगे "ये हुई न बात" Bihar News: राज्य के कॉलेजों में 115 प्रधानाचार्यों की होगी नियुक्ति, कुलपतियों को दिए गए आदेश INDvsENG: पहले ही दिन भारत ने इंग्लैंड में रचा इतिहास, अब तक नहीं हुआ था यह कारनामा Bihar News: इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को लेकर सामने आई अहम जानकारी, जमीन अधिग्रहण जल्द शुरू Bihar Flood: प्रदेश में बढ़ रहा 9 नदियों का जलस्तर, इस जगह टूट गया तटबंध; सैकड़ों प्रभावित Bihar News: बैंक लूटकांड का कुख्यात अपराधी हथकड़ी समेत पुलिस हिरासत से फरार, एक महीने में भाग चुके 5 कैदी Bihar Rain: अगले 4 दिन राज्य में भीषण बारिश, IMD ने आंधी और तूफान को लेकर भी किया अलर्ट Bihar News: चाची को हुआ भतीजे से ऐसा प्यार, पति की मौजूदगी में मंदिर में रचा ली शादी; बोली- साथ जिएंगे साथ मरेंगे Bihar News: बिहार में बड़ा हादसा, तेज़ रफ्तार स्कॉर्पियो गंगा नदी में गिरी, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 29 Sep 2023 07:00:50 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं की शेष बची सहायता राशि पर ब्याज के 4000 करोड़ रुपये केंद्र को लौटाने में बिहार सरकार ने पांच महीने से ज्यादा देर की, इसलिए उसे नये वित्तीय वर्ष के लिए सहायता पाने में कठिनाई हुई। वित्तीय प्रबंधन की अपनी विफलता को छिपाने के लिए सरकार भेद-भाव का आरोप लगती है।
सुशील मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक केंद्रीय सहायता बिहार को मिलती है, इसलिए भेद-भाव का कोई प्रश्न ही नहीं है। अगर भेदभाव होता तो केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में राज्य को 42000 करोड़ रुपये कैसे मिल गए? पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने से बिहार को सालाना 7000 करोड़ की राजस्व हानि उठानी पड़ रही है, लेकिन सरकार इसकी भरपायी का कोई प्रबंध नहीं कर पायी।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के लिए दी गई सहायता राशि के उपयोग पर नजर रखने के लिए सिंगल नोडल अकाउंट की व्यवस्था सभी राज्यों के लिए लागू है, केवल बिहार के लिए नहीं। केंद्रीय सहायता की जो राशि खर्च नहीं हो पायी, उस पर व्याज की राशि केंद्र को चुकाये बिना अगले वित्तीय वर्ष की सहायता राशि नहीं मिलती। यह शर्त भाजपा शासित राज्यों पर भी लागू है, इसमें कोई भेदभाव नहीं।