DELHI : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की उस याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने स्वास्थ्य जांच का हवाला देकर अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की अपील की थी। जस्टिस एएस ओक की अध्यक्षता वाली बेंच ने देर से आवेदन दाखिल करने पर भी सवाल उठाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस ओक की बेंच ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि 17 मई को मुख्य केस पर आदेश सुरक्षित रखा गया है। उस बेंच के एक सदस्य जज पिछले सप्ताह अवकाशकालीन बेंच में थे, तब यह मांग क्यों नहीं रखी गई। अवकाशकालीन बेंच ने केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी को सुझाव दिया कि वह चीफ जस्टिस से सुनवाई का अनुरोध करें।
दरअसल, दिल्ली शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बीते 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद ईडी ने केजरीवाल को कोर्ट में पेश किया था, जहां से कोर्ट ने उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया था। इसी बीच केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में प्रचार का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की याचिका दाखिल की थी।
केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विगत 10 मई को शर्तों के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि बेल के दौरान केजरीवाल न तो सीएम ऑफिस जाएंगे और न ही किसी तरह के कागजात पर दस्तखत करेंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें दो जून को हर हाल में सरेंडर करने का आदेश भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 1 जून तक केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी है।
अब जब केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने वाली है और उन्हें सरेंडर करना है तो उन्होंने स्वास्थ्य जांच का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से अंतरिम जमानत की अवधि को 7 दिन और बढ़ाने की मांग की है। अब सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की उस याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बात केजरीवाल का जेल जाना तय माना जा रहा है।