MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर जिले के करजा थाना क्षेत्र के पकड़ी में वास्तु विहार में शुक्रवार को गाड़ी पार्किंग को लेकर जमकर मारपीट हुई थी। मारपीट की घटना किसी और के बीच नहीं बल्कि करजा थाना के थानेदार सुनील कुमार और उनके साले से पड़ोस में रहने वाले एक युवक के बीच हुई थी। पिटाई के कारण युवक के नाक का नस फट गया। जिसका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। वही अब करजा थानेदार के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर की गयी है। पीड़ित की ओर से मानवाधिकार आयोग के अधिवक्ता एस. के. झा मामले की पैरवी कर रहे हैं।
युवक की पहचान ठेकेदार राजकुमार त्रिपाठी के भाई के रूप में हुई। इस घटना को लगातार रफा-दफा करने की कोशिश थानेदार ने की लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए मुजफ्फरपुर के नगर थाना पुलिस ने पीड़ित युवक का बयान दर्ज किया और अब उसी बयान को करजा थाने में भेजा गया। बयान में पीड़ित युवक ने करजा के थानेदार सुनील कुमार और उनके एक रिश्तेदार पर मारपीट का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं यह भी लगाया है कि काफी लंबे समय से करजा के थानेदार उसे टारगेट कर रहे थे। कहा कि बयान लेने के तीसरे दिन बाद भी केस दर्ज नहीं किया गया। मामला सामने आने के बाद एसएसपी ने एसडीपीओ से जांच रिपोर्ट मांगी है।
मुजफ्फरपुर जिले के करजा थाना क्षेत्र के पकड़ी चट्टी में व्यवसायी राजेश कुमार त्रिपाठी को गाड़ी पार्क करने के विवाद में मारपीट कर जख्मी कर देने का मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली एवं बिहार मानवाधिकार आयोग पटना के समक्ष पहुँच गया हैं। पीड़ित राजेश कुमार त्रिपाठी की ओर से मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस. के. झा आयोग में मामले की पैरवी कर रहे हैं। विदित हो कि करजा थानेदार सुनील कुमार यादव एवं उनके रिश्तेदार द्वारा व्यवसायी राजेश कुमार त्रिपाठी को गाड़ी पार्क करने के विवाद में बेरहमी से मारपीट कर जख्मी कर दिया गया और उनके गले से सोने की लॉकेट समेत चेन भी छीन लिया। परिजनों ने उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ पर उनका ईलाज अभी चल रहा है। व्यवसायी को इतनी बुरी तरह से मारा गया कि उनका नाक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
मामले की जानकारी मिलते ही नगर थाने की पुलिस सदर अस्पताल पहुँची और पीड़ित का बयान लिया, जिसमें करजा थानेदार सुनील कुमार यादव और उनके रिश्तेदार को आरोपी बनाया गया है। पुलिस को राजेश ने बताया कि उनका मोतिहारी में गाड़ियों की खरीद-बिक्री का कारोबार है। बीते शुक्रवार को सुबह करीब आठ बजे वे अपनी कॉलोनी के खाली मैदान में गाड़ी पार्क किए थे। इसी बीच अचानक से सामने के मकान में रहने वाले करजा थानेदार सुनील यादव के साथ उनका एक रिश्तेदार व्यवसायी के साथ गाली-गलौज करने लगा व धमकी देने लगा।
पीड़ित व्यवसायी के अनुसार एक आरोपी के हाथ में छोटा हथियार व दूसरे के हाथ में चाकू था। दोनों आरोपियों ने व्यवसायी पर हमला कर दिया, जिससे व्यवसायी के सिर, आंख व नाक से काफी खून गिरने लगा। पूरे मामले की जानकारी पीड़ित के परिजनों ने वरीय अधिकारियों को दिया। उसके बाद उन्होंने मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस. के. झा के माध्यम से दोनों आयोग के समक्ष करजा थानेदार एवं उनके रिश्तेदार के विरुद्ध याचिका दायर की गई। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने बताया कि यह मामला काफी गंभीर है। इसकी उच्च स्तरीय जांच जरूरी है।
मुजफ्फरपुर में अजीबोगरीब मामला आने के बाद जिले के एसएसपी राकेश कुमार ने पार्किंग विवाद में थानेदार और उनके रिश्तेदार के द्वारा अपने पड़ोसी के साथ की गई जमकर मारपीट मामले में एसडीपीओ से जांच रिपोर्ट तलब की है विश्वस सूत्रों की प्राप्त जानकारी के अनुसार सीडीपीओ सरैया कुमार चंदन ने जांच रिपोर्ट एसएसपी मुजफ्फरपुर को भेज दिया है जांच रिपोर्ट में प्रथम दृश्य मामला सत्य पाया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिहार पुलिस के थानेदार इतने अडियल है कि अपने साले के चक्कर में पड़ोसी के साथ जमकर मारपीट की और वह भी इसलिए कि उनके ही थाना क्षेत्र की घटना थी। अब देखना होगा कि कार्यवाई क्या होती है या फिर मेहरबानी करके छोड़ा जाता है।
बिहार सरकार की पुलिस के मुखिया कितनी भी दावा कर लें लेकिन आज भी सिस्टम में खामियां है इसका जीता जागता उदाहरण मुजफ्फरपुर के करजा थाना क्षेत्र के पड़ी स्थित वास्तु विहार में हुए थानेदार एवं उनके रिश्तेदार द्वारा पड़ोसी युवक को पार्किंग विवाद में पीटाई का मामला। सब कुछ ऑनलाइन होने का दावा करने वाली बिहार पुलिस मुजफ्फरपुर में आज 3 दिन बीत जाने के बाद भी कांड दर्ज नहीं हुआ है वह भी सिर्फ इसलिए कि पुलिसकर्मी पर आरोप है। हालांकि पूरे घटनाक्रम में जांच की डिमांड कर मामले को पुलिस शांत तो कर ली है लेकिन सवाल उठना लाजिमी है क्योंकि बिहार पुलिस के सक्षम अधिकारी यह कहते हैं कि आवेदन आने के बाद पहले फिर दर्ज होगा फिर जांच के बाद कार्रवाई होगी तो साहब आखिर ऐसी लेट लतीफे क्यों.. क्योंकि आरोपित आपका थानेदार है और उसका रिश्तेदार है इसलिए।
पीड़ित परिवार के प्रमुख सदस्य राजकुमार त्रिपाठी ने कहा कि सक्षम सभी आलाधिकारी से बात किया हूं सभी लोगों के व्हाट्सएप पर फर्दबयान के साथ-साथ घायल भाई का खून से सना हुआ फोटो जो स्थिति थी तथा नाक में काफी गंभीर चोट था उसका रिपोर्ट उसमें यह साफ लिखा है की नाक का नस फट गया है हमें उम्मीद ही नहीं भरोसा है दोषी थानेदार जो अपने आप को पता नहीं क्या समझते हैं उनके द्वारा जो कोकरित किया गया है उसकी सजा उन्हें जरूर मिलेगी और इस मामले को हम सक्षम न्यायालय तक लेकर जाएंगे अगर कोई बचाने वाला सामने आएगा तो उन्हें भी नहीं छोड़ेंगे कानून के हाथ सबसे बड़े होते हैं डीजीपी साहब से भी समय मांगा है उनसे भी मिलकर पूरी समस्या को बताएंगे ऐसे लोग बिहार पुलिस में बैठे हैं जो वर्दी को दागदार बना देते हैं।