कानून तोड़ेंगे और राहत खोजेंगे, कैसे संभव? मुश्किलों में फंसे BJP के विधायक, जानिए क्या है पूरा मामला

कानून तोड़ेंगे और राहत खोजेंगे, कैसे संभव? मुश्किलों में फंसे BJP के विधायक, जानिए क्या है पूरा मामला

GOPALGANJ : बिहार सरकार के पूर्व मंत्री ओर बीजेपी विधायक को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने इनके 13 साल पुराने मामले में विधायक की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि,आप माननीय होकर नियमों का उलंघन करेंगे उसके बाद राहत मांगेगे तो यह कैसे संभव होगा। 


दरअसल, बीजेपी के विधायक व बिहार सरकार के पूर्व पर्यटन मंत्री रामप्रवेश राय की कोर्ट ने मुश्किलें बढ़ा दी है। गोपालगंज के जिला एवं सत्र न्यायालय राकेश मालवीय की कोर्ट ने विधायक की याचिका को खारिज कर दिया। सिविल कोर्ट के लोक अभियोजक देववंश गिरि ने बताया कि, विधायक की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायालय राकेश मालवीय की कोर्ट ने कहा कि आप विधायक हैं. संविधान ने आपको कानून बनाने का अधिकार दिया है. आप ही कानून तोड़ेंगे और आप राहत खोजेंगे, यह कैसे संभव है?


जानकारी के अनुसार, जिला जज की कोर्ट ने एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले वाली याचिका पर गोपालगंज के बरौली विधानसभा से बीजेपी के विधायक रामप्रवेश राय को राहत देने से इंकार कर दिया।  एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए पूर्व मंत्री के अपील को खारिज कर दिया।  


वहीं, कोर्ट से अपील खारिज होने से भाजपा विधायक की मुश्किलें बढ़ गयी है। राम प्रवेश राय उपस्थित होकर अपने अधिवक्ता के माध्यम से कहा कि उनका यह प्रथम अपराध है और वे एक वरिष्ठ वृद्ध नागरिक है। कुछ गंभीर बीमारी से ग्रसित है। इस लिहाजा इनको राहत मिलनी चाहिए थी। इनको राजधानी पटना के अस्पताल में नियमित रूप से समय-समय पर इलाज किया जा रहा है। अतः उनके इस प्रथम अपराध पर सहानुभूतिपूर्वक दयापूर्वक विचार करते हुए माफ कर देना चाहिए। 


आपको बताते चलें कि, भाजपा विधायक राम प्रवेश राय पर्यटन मंत्री के पद पर रहते हुए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया था। इन्होंने 10 सितंबर 2010 को चुनाव के दौरान सेमरिया-रूपनछाप में सारण तटबंध पर पहुंचे, जहां बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा कटाव निरोधक कार्य कराया जा रहा था।  कार्य करा रहे कार्यापालक अभियंता के द्वारा कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गयी और उनको निर्देश दिया गया था. जो आचार संहिता का उल्लंघन था। इस मामले में तत्कालीन बीडीओ उदय कुमार तिवारी ने बरौली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।