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1st Bihar Published by: Updated Mon, 17 Feb 2020 09:02:36 AM IST
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PATNA : जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और युवा वाम नेता कन्हैया कुमार इन दिनों बिहार के दौरे पर हैं। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कन्हैया लगातार जिलों में जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। 27 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में कन्हैया रैली करने वाले हैं। बिहार के ज्यादातर जिलों में कन्हैया को विरोधियों के हमले का सामना करना पड़ा है। कन्हैया की सुरक्षा को लेकर वामदलों ने चिंता भी जताई है जिसके बाद नीतीश सरकार भी कन्हैया को हर तरह की सुरक्षा मुहैया करा रही है।
कन्हैया ने चंपारण से अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। यात्रा के पहले दिन ही स्थानीय प्रशासन ने कन्हैया को रोका था लेकिन उसके बाद यह खबर आई कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद हस्तक्षेप करते हुए कन्हैया के मामले में प्रशासनिक अधिकारियों को फटकार लगाई। नीतीश की इस पहल पर कन्हैया ने खुद ट्वीट करते हुए धन्यवाद भी जताया था। नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया है लेकिन कन्हैया उसी कानून के विरोध में यात्रा कर रहे हैं, बावजूद इसके नीतीश कन्हैया को लेकर नरम नजर आते हैं। जेएनयू नारेबाजी मामले के बाद कन्हैया के खिलाफ जब कई तरह के मामले दर्ज किए गए तब नीतीश बीजेपी के साथ नहीं थे। आरोपों से घिरे कन्हैया जब जेल से बाहर आए तब बिहार आने के बाद उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। कन्हैया और नीतीश के बीच उस वक्त केमिस्ट्री अलग थी लेकिन आज दोनों अलग-अलग राजनीतिक राह पर हैं। बावजूद इसके नीतीश कुमार कन्हैया को लेकर सॉफ्ट कॉर्नर रखते नजर आते हैं। यही वजह है कि नीतीश कुमार ने कभी भी कन्हैया को लेकर कोई बयान नहीं दिया।
कन्हैया को लेकर नीतीश प्रेम के पीछे सियासी जानकार अलग राय रखते हैं। यह सभी जानते हैं कि कन्हैया बिहार में जितने लोकप्रिय होंगे तेजस्वी यादव को उतना ही नुकसान पहुंचाएंगे। नीतीश भी इस सच को बखूबी समझते हैं कि अगर कन्हैया की लोकप्रियता वोटों में तब्दील हुई तो नुकसान तेजस्वी यादव और आरजेडी को होगा। कन्हैया जिस धारा राजनीति कर रहे हैं उसी धारा पर तेजस्वी भी सियासत करते हैं। कन्हैया के मजबूत होने से एनडीए गठबंधन को नुकसान नहीं होना है। जाहिर है नीतीश कुमार कन्हैया के कंधे का इस्तेमाल तेजस्वी पर निशाना साधने के लिए कर रहे हैं। अगर नीतीश का तीर निशाने पर लगा तो पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहे तेजस्वी यादव के लिए एक कन्हैया आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ी मुश्किल के तौर पर उभरेंगे।