RANCHI: झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने रविवार को 52 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी कर दी. इस सूची में 10 सीटिंग विधायकों का पता साफ कर दिया गया. लेकिन यह विधायक पार्टी की बात मानने को तैयार नहीं है. बताया जा रहा है कि टिकट बंटवारे में रघुवर दास की मनमर्जी चली हैं. यही कारण है कि रघुवर से पंगा लेने वाले मंंत्री सरयू राय के नाम की घोषणा नहीं की गई, जबकि जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर दास के चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी गई. वही, सरयू राय जमशेदपुर पश्चिमी से चुनाव लड़ते हैं.
कुछ हैरान तो कुछ बैंड बजाने को तैयार
अचानक टिकट कटने से कई विधायक हैरान हैं. हैरानी की बात यह है कि दूसरे दलों से कुछ दिन पहले ही भाजपा में आए 5 से अधिक विधायकों को एक झटके में ही पार्टी ने टिकट दे दिया, लेकिन वर्तमान विधायकों के मेहनत को दरकिनार कर दिया. अब ये विधायक भाजपा को बैंड बजाने के लिए तैयार हैं. कुछ दूसरी पार्टियों से टिकट की फिराक में हैं तो कुछ निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है.
टिकट नहीं मिला तो क्या हुआ लड़ेंगे चुनाव
भाजपा ने सिंदरी के विधायक रहे फुलचंद मंडल को महत्व नहीं दिया. वहां से इस बार इंद्रजीत महतो को टिकट दे दिया. लेकिन फुलचंद ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी हैं. राजद छोड़कर गिरिनाथ सिंह भाजपा में शामिल हुए थे. लेकिन उनका भाजपा ने गढ़वा से टिकट काट दिया. इस फैसले से वह हैरान हैं. सिमरिया से विधायक गणेश गंझू को पार्टी ने किनारा कर दिया. उनके जगह पर किशुन कुमार दास को टिकट दे दिया. छतरपुर से राधाकृष्ण किशोर, बोरिया के ताला मरांडी, चतरा के जयप्रकाश भोक्ता, घाटशिला के लक्ष्मण टुडू, झरिया के संजीव सिंह, गुमला के शिवशंकर उरांव, सिमडेगा के विमला प्रधान, मनिका के हरेकृष्ण सिंह समेत 10 विधायकों के टिकट काटे गये हैं. संजीव सिंह के बदले उनकी पत्नी रागिनी सिंह को टिकट दिया है.