जूता-चप्पल व्यवसायी का अपहरण, दूसरे थाने का मामला बता पांच दिनों तक नहीं दर्ज हुआ शिकायत

जूता-चप्पल व्यवसायी का अपहरण, दूसरे थाने का मामला बता पांच दिनों तक नहीं दर्ज हुआ शिकायत

BETIAH : बिहार में अपराधिओं का तांडव सातवें आसमान पर हैं। सूबे में शायद ही कोई ऐसा दिन आता है जिस दिन अपराध से जुड़े कोई मामले निकल कर सामने नहीं आते हो। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला बेतिया से जुड़ा हुआ है।जहां एक जूता-चप्पल व्यवसायी का अपहरण कर लिया है। इससे इलाके में सनसनी फैल गई है। घटना जिले के शिकारपुर थाना क्षेत्र के नरकटियागंज की है। मामले में अपहृत व्यवसायी की पत्नी ने पुलिस को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।


दरअसल,  नरकटियागंज के रेडीमेड वस्त्र व्यवसायी पर गोली चलाने के मामले में आरोपी सन्नी सिंह के अपहरण मामले का अभी पर्दाफाश भी नहीं हुआ कि शिकारपुर थाना क्षेत्र के एक जूता चप्पल व्यवसायी के अपहरण का मामला सामने आ गया है। अपहृत व्यवसायी सिकंदर महतो (29) पंडई चौक पर जूता चप्पल का व्यवसाय करता है। व्यवसाय के सिलसिले उसे धोखे से बुलाकर मुजफ्फरपुर जाने के दौरान अपहरण कर लिया गया है।अपहृत व्यवसायी की पत्नी राधिका देवी  शिकारपुर थाने पहुंची। उसने बताया कि पति सिंकदर महतो व्यवसाय के सिलसिले में हमेशा मुजफ्फरपुर आते जाते हैं। किसी व्यक्ति ने बीते 19 जनवरी को उनके मोबाइल पर फोन कर मुजफ्फरपुर चलने के लिए कहा। पहले तो उसके पति ने जाने से मना कर दिया। लेकिन उस व्यक्ति के दबाव पर मुजफ्फरपुर जाने के लिए तैयार हो गया। मुजफ्फरपुर जाने के दौरान उसी दिन फोन पर व्यवसायी ने पत्नी को बताया कि वह 22 जनवरी को घर लौट आएगा। लेकिन वह घर नहीं लौटा। 


व्यवसायी की पत्नी ने बताया कि 22 जनवरी की शाम 5:15 बजे दूसरे नंबर से उन्होंने फोन कर बताया कि चार पांच लोग उसे पकड़ कर ले जा रहे हैं। लेकिन उसे कहां ले जा रहे हैं। इसकी जानकारी नहीं दे पाया। तब से व्यवसायी का मोबाइल बंद है। सात दिन गुजर जाने के बाद भी उनका कुछ पता नहीं लग रहा है। उसने आशंका जताई है कि अज्ञात अपराधियों द्वारा पति से रुपये छीन कर उनकी हत्या कर दी हो।


इस मामले में थानाध्यक्ष रामाश्रय यादव ने बताया कि आवेदन मिला है।बता दे की शिकारपुर थाने के डीके शिकारपुर बरई टोला निवासी व्यवसायी सिकंदर महतो की पत्नी राधिका देवी पति की तलाश के लिए सात दिनों से भटक रही है। 25 जनवरी को वह शिकारपुर थाने में पहुंची। लेकिन उसका आवेदन नहीं लिया गया। घटना मुजफ्फरपुर की बता कर लौटा दिया गया। इसके बाद वह सासंद सुनील कुमार से मिली। सासंद ने मामले में एसडीपीओ से बात की। एसडीपीओ के बाद वह एसपी से मिली तब जाकर उसके आवेदन को पुलिस ने लिया और इस मामले में जांच शुरू की है।