बिहार में झोलाछाप डॉक्टर की करतूत: एक ने निकाली थी किडनी, अब दूसरे ने काट दी महिला की बच्चेदानी, हालत गंभीर

बिहार में झोलाछाप डॉक्टर की करतूत: एक ने निकाली थी किडनी, अब दूसरे ने काट दी महिला की बच्चेदानी, हालत गंभीर

MUZAFFARPUR: जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की करतूतें इन दिनों सर चढ़कर बोल रही है हाल ही के दिनों में सकरा इलाके में हुए चर्चित किडनी कांड का मामला शांत नहीं हुआ था कि फिर से एक डॉक्टर ने इसी इलाके के बरियारपुर ओपी क्षेत्र के बहादुरपुर गांव में ऑपरेशन कराने गई एक महिला का बच्चेदानी और पेशाब के रास्ते का नस काट दिया जिसके बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी आनन-फानन में महिला को बाहर ले जाने के डॉक्टरों ने सलाह दे दी फिर परिजनों ने आनन-फानन में उसे समस्तीपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका इलाज चल रहा है लेकिन महिला की हालत गंभीर बनी हुई है आपको बताते चलें कि पीड़ित महिला समस्तीपुर जिले के भागवत पुर मुसरीघरारी निवासी दीपक सहनी की पत्नी है। 


प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 3 महीने से उक्त महिला का मेडिकल टेस्ट से लेकर दवा सुई तक उक्त झोलाछाप डॉक्टर कर रहा था इसी दौरान महिला का बच्चा बन्द का ऑपरेशन परिजनों को सुझाया और कहा कि बिना ऑपरेशन किये दर्द आराम नही होगा न ही बीमारी ठीक होगा । जिस पर परिजन तैयार हो गए और ऑपरेशन कर या बड़ा कांड कर दिया इस घटना के बाद मरीज की स्थिति बिगड़ते देख परिजन उग्र हो गए और अस्पताल कर्मी और डॉक्टरों को बुरा भला कहने लगे जिस पर किसी तरह समझा-बुझाकर बाहर दिखाने की सलाह दी और कहा कि जो तत्काल खर्चा लगेगा वह खर्च हम लोग व्यवस्था करवा देंगे लेकिन हुआ कुछ और जैसे ही परिजन लेकर समस्तीपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराए उसके ठीक दूसरे दिन डॉक्टर अपना पीछा छुड़ाना चाहा। 


परिजन इस तरह की बातें देखकर डॉक्टर से मिलने गया। जिसके बाद पीड़ित परिवार को उल्टे डॉ और उसके कर्मी मारपीट करने पर उतारू हो गए और भगा दिया जिसकी शिकायत पीड़िता की मां ने स्थानीय सरपंच राकेश राय से किया इसको लेकर बीते शनिवार को स्थानीय स्तर पर पंचायत हुई। जिसमें यह फाइनल हुआ कि उक्त महिला का सारा देखरेख झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा किया जाएगा और उसका खर्च का बहन भी उन्हीं के द्वारा किया जाएगा। लेकिन झोलाछाप डॉक्टर को यह नागवार गुजरा उसने इस बात को मानने से मना कर दिया जिसके पीड़िता की मां देवंती देवी ने इस संबंध में उक्त निजी नर्सिंग होम संचालक और डॉक्टर एवम अन्य कर्मियों के खिलाफ बरियारपुर ओपी में आवेदन दिया है। पूरे मामले पर पूछे जाने पर बरियारपुर ओपी थाना अध्यक्ष सब इंस्पेक्टर चांदनी कुमारी सांवरिया ने कहा कि एक महिला द्वारा लिखित शिकायत की गई है। उनकी पुत्री का ऑपरेशन मेरे क्षेत्र में एक निजी नर्सिंग होम द्वारा 23 दिसंबर को हुआ था। अब हालत बिगड़ने के बाद परिजन दूसरे निजी हॉस्पिटल में इलाज करा रहे हैं। पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है पीड़ित परिवार को संबंधित सभी कागजात उपलब्ध कराने को कहा गया है।


झोलाछाप डॉक्टर की ऑपरेशन व्यवस्था देख हो जायंगे हैरान 

झोलाछाप डॉक्टर के निजी नर्सिंग होम के अंदर की तस्वीर देखकर आपके भी रूह कांप जाएंगे इस तरह तो बीमार जानवर को भी लोग नहीं रखते हैं जिस तरह से उक्त झोलाछाप डॉक्टर और निजी नर्सिंग होम के संचालक अपने मरीजों को रखते और ऑपरेशन करते थे स्वास्थ्य विभाग के सभी नियमों कानूनों को ताख पर रखकर चलाते हैं अपना निजी नर्सिंग होम । तस्वीरे सब कुछ बता रही है। 


घटना के बाद जागने की खानापूर्ति करती है विभाग

आपको बताते चलें कि सभी निजी नर्सिंग होम को चलाने के लिए विधिवत तरीके से लाइसेंस से लेकर कई मानक निर्धारित किए गए जो स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों द्वारा सभी जिलों में सख्ती से पालन कराने का निर्देश है लेकिन मुजफ्फरपुर में एक के बाद एक कई ऐसे कांड होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सिर्फ और सिर्फ कागजों पर अपना खानापूर्ति कर कोरम फुलफिल कर लेती है अगर स्वास्थ्य विभाग इन सभी चीजों को देखती और समय-समय पर जांच पड़ताल करती तो शायद इन झोलाछाप डॉक्टरों के दुकान न चलता रहता स्वास्थ्य विभाग के इस रवैया से कई सवाल खड़े होते हैं कि आखिर कहीं ना कहीं से इन झोलाछाप डॉक्टरों पर रहमो करम रहती है तभी तो साहबो की कलम नहीं चलती है बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव चाहे जितनी भी दावे कर ले लेकिन स्थिति स्वास्थ्य विभाग की खासकर निजी अस्पतालों की मनमानी और अन्य कागजी प्रक्रिया और मानकों पर बात करें तो नगण्य है । 


स्वास्थ्य विभाग पर स्थानीय लोगों का गम्भीर आरोप 

इस इलाके में चर्चित किडनी कांड के बाद अब ऑपरेशन के नाम पर बच्चेदानी निकालने का मामला सामने आने पर स्थानीय लोग स्वास्थ्य विभाग के कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं लोगों का बहुत गंभीर आरोप है लोग यह कहते हैं कि नीचे से ऊपर तक सभी भ्रष्ट है तो जांच कौन करेगा सभी के सभी मिले रहते हैं अन्यथा आला दर्जे के अधिकारी यह जहां जाए और कोई गलती कर ले यह संभव नहीं है या फिर यूं कहें कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था आज भी एंबुलेंस पर है जो कभी भी दम तोड़ सकती है। 


सिविल सर्जन ने कही जांच पड़ताल की बात

पूरे मामले पर पूछे जाने पर मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. यूसी शर्मा ने कहा कि मामला मीडिया के ही माध्यम से संज्ञान में आया है की इस तरह का मामला हुआ है। जिसके बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों से पूरा डिटेल जांच कर देने को कहा गया है । बार बार इस इलाके में इस तरह का मामला लापरवाही का घोतक हैं सम्बंधित दोषी होंगे उन पर कार्यवाई होगी। 



प्रशासन की तरफ से जांच पड़ताल की अमलीजामा पहना दी गयी :

अब सवाल उठता है कि इसी सकड़ा इलाके में चर्चित किडनी कांड सुनीता के साथ हुआ था जो अबतक जिंदगी मौत से जूझ रही है जिसमें अब तक प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से इस इलाके के लोग भली-भांति अवगत है वैसे में फिर से इस पूरे घटना की जांच पड़ताल क्या होगी इसका तो आने वाला समय ही बताएगा बरहाल पूछे जाने पर सम्बंधित अधिकारी और पदाधिकारी जांच पड़ताल कराने की बात कहकर अमलीजामा पहना दिया है ।