RANCHI : झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में लोकतंत्र मुस्करा उठा। 'गन'तंत्र पर गणतंत्र भारी दिखा। लोगों ने जमकर वोटिंग की। आंकड़े भी कुछ यहीं कह रहे हैं। 13 सीटों पर 64.12 फीसदी मतदान हुआ। जो पिछले चुनाव के मुकाबले लगभग एक फीसदी अधिक है। 2014 में इन सीटों पर 63.35 फीसदी वोटिंग हुई थी।
वोटिंग के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी सामने आयी। नक्सलियों ने गुमला जिले में बिष्णुपुर स्थित पुल को विस्फोट से उड़ा दिया । हालांकि, इसमें कोई जनहानि नहीं हुई। प्रशासन ने कहा कि नक्सलियों की इस हरकत का मतदान पर कोई असर नहीं हुआ। वहीं, पलामू के डाल्टेनगंज में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थकों में झड़प हुई। कांग्रेस ने यहां बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया।
पलामू के डाल्टेनगंज में कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी ने मतदान किया। लोहरदगा में ऑल झारखंड स्टूटेंड यूनियन (आजसू) नेता कमल किशोर भगत और उनकी पत्नी और आजसू प्रत्याशी नीरू शांति भगत ने मतदान किया। लोहरदगा में राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू ने मतदान के बाद पहले चरण में नौ से दस सीटों पर गठबंधन की जीत का दावा किया। बीजेपी प्रत्याशी सुखेदव भगत ने भी मतदान कर जीत का दावा किया।
पहले चरण के चुनाव में चतरा, गुमला, बिशुनपुर, लोहरदगा, मनिका, लातेहार, पांकी, डाल्टनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर विधानसभा सीट शामिल हैं। इन पर 189 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें 15 महिला प्रत्याशी हैं। सबसे ज्यादा 28 प्रत्याशी भवनाथपुर सीट पर हैं, जबकि चतरा में सबसे कम सिर्फ 9 प्रत्याशी ही चुनाव लड़ रहे हैं। नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे।
इन सीटों पर वोटरों के हाथों कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया। इन सीटों पर एक पूर्व केंद्रीय मंत्री, एक वर्तमान मंत्री, नौ पूर्व मंत्री, दस वर्तमान विधायक, एक पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
इनमें स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी (विश्रामपुर), पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव (लोहरदगा), पूर्व मंत्री बैद्यनाथ राम (लातेहार), केएन त्रिपाठी (डालटनगंज), चंद्रशेखर दूबे (विश्रामपुर), सुधा चौधरी (छतरपुर), कमलेश सिंह (हुसैनाबाद), सघनु भगत (लोहरदगा), राधाकृष्ण किशोर (छत्तरपुर), भानु प्रताप शाही (भवनाथपुर), वर्तमान विधायक सत्येंद्र तिवारी (गढ़वा), कुशवाहा शिवपूजन मेहता (हुसैनाबाद), प्रकाश राम (लातेहार), सुखदेव भगत (लोहरदगा), चमरा लिंडा (विशुनपुर), देवेंद्र कुमार सिंह (पांकी), आलोक कुमार चौरसिया (डालटनगंज) शामिल हैं। वहीं, टिकट नहीं मिलने से बागी होकर दूसरे दलों से या निर्दलीय चुनाव लड़ रहे दिग्गज नेताओं राधाकृष्ण किशोर, बैद्यनाथ राम, अनंत प्रताप देव का किस्मत भी ईवीएम में कैद हो गयी।