RANCHI: झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आजसू का गठबंधन टूट गया है. दोनों दल चुनावी मैदान में अलग-अलग बिगुल फूंक रहे है. विरोध के बाद भी दोनों दल एक दूसरे में फ्यूचर इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं.
रघुवर-सुदेश के खिलाफ दोनों ने नहीं उतारा उम्मीदवार
झारखंड विधानसभा चुनाव में सीएम रघुवर दास जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन यहां पर आजसू ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. वही, सिल्ली से चुनाव लड़ रहे आजसू प्रमुख सुदेश महतो के खिलाफ बीजेपी ने भी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. दोनों विरोध के बाद भी अपने-अपने सीटों पर दोस्ती निभा रहे हैं.
रिश्ता न बिगड़े इसका भी रखा जा रहा खास ख्याल
बीजेपी-आजसू के अलग-अलग चुनाव लड़ने के बाद भी दोनों दलों के नेता अब तक किसी एक दूसरे पर कभी भी खुलकर विरोध या कड़े शब्दों का प्रयोग अभी तक नहीं किए. दोनों रिश्ता बनाए रखना चाहते हैं. क्योंकि 23 दिसंबर के बाद दोनों को एक दूसरे की जरूरत पड़ सकती है. यह पहले भी हो चुका है कि बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आजसू की जरूरत पड़ती रही है. इसका लाभ अब तक आजसू को भी मिलता रहा है. छोटा दल होने के बाद भी आजसू प्रमुख सुदेश महतो बीजेपी की सरकार में डिप्टी सीएम बने. बीजेपी के कई सरकारों में आजसू के कई विधायकों भी खास विभागों का मंत्री बने. बीजेपी के दम पर ही पहली पार आजसू लोकसभा चुनाव 2019 में लोकसभा पहुंची. इन सब नफा नुकसान को देखते हुए दोनों दल विरोध के बाद भी दोस्ती बनाए हुए हैं.
जिद के कारण टूटा गठबंधन
झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आजसू के जिद के कारण दोनों दलों का गठबंधन टूट गया. बीजेपी से आजसू ने 19 सीटों की मांग की थी, लेकिन बीजेपी 9 सीटों से अधिक देने को तैयार नहीं थी. सीटों की जिद के कारण दोनों ने अलग-अलग सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी.