RANCHI: झारखंड विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता चुनाव प्रचार के लिए गरीबों का सहारा ले रहे हैं. लेकिन इन गरीबों को उनके मेहनत के अनुसार पैसा नहीं दे रहे हैं. एक विधानसभा क्षेत्र में लाखों रुपए खर्च करने वाली बीजेपी पार्टी और उनके प्रत्याशी इस समय भी गरीबों को उचित मजदूरी नहीं दे रहे हैं. भले ही यह पार्टी हाईटेक प्रचार करा रही हो, लेकिन एक सच यह भी है.
3 किमी प्रचार करने पर मात्र मिलता है 30 रुपए
सारठ विधानसभा क्षेत्र में यह शख्स रोज 3 किमी तक बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करता है. लेकिन इसके बदले इस शख्स को मात्र 30 रुपए दिया जाता है. बनारस कापरी रोज पार्टी का कई झंडा लेकर सड़क किनारे पैदल ही प्रचार करते हैं. कापरी बताते हैं कि इस पार्टी के प्रचार करने पर चाय पानी का खर्चा निकल जाता है. लेकिन इससे पेट भरना संभव नहीं है. सारठ में चुनाव 20 दिसंबर को होने वाला है.
प्रचार के लिए अलग-अलग तरीके
चुनाव प्रचार को लेकर सभी दल अलग-अलग तरीके अपनाती है. पार्टियों को गलता है कि इस तरह के प्रचार से लोगों को आकर्षित किया जा सकता है. प्रचार करने वाले शख्स को पार्टी अपने झंडे के रंग के कपड़ा, टोपी और झंझा मुहैया कराती है. लेकिन प्रचार करने वाले को उनका सही से मजबूरी नहीं मिल पाता है. प्रचार करने वाले गरीब कुछ खर्चा मिलने के लालच में यह सब करने को तैयार होते हैं तो यही राजनीतिक दल इसका फायदा उठाने को तैयार रहती है. यही राजनीति दलों के नेता चुनाावी सभाओं में गरीबों की भलाई की बात करते हैं. लेकिन अपने ही प्रचार में गरीबों का शोषण करते हुए नजर आते हैं.