PATNA : नीतीश कैबिनेट में शामिल बीजेपी कोटे से मंत्री जनक राम के पीए बबलू आर्य की गिरफ्तारी हो चुकी है. लेकिन बबलू आर्य की गिरफ्तारी के पीछे जेडीयू के ही एक सांसद की शिकायत वजह रही. दरअसल गोपालगंज से सांसद रह चुके जनक राम साल 2019 में बेटिकट कर दिए गए. 2014 से लेकर 2019 तक वह सांसद रहे और इस दौरान बबलू आर्य उनका प्राइवेट सेक्रेट्री रहा. साल 2019 में लोकसभा चुनाव के अंदर जनक राम की जगह पर एनडीए से जेडीयू उम्मीदवार आलोक सुमन मैदान में उतरे और चुनाव जीतकर लोकसभा सांसद बन गए.
आलोक सुमन के सांसद बनने के बावजूद बबलू आर्य ने संसद में अपना एंट्री पास बनवा लिया. लगभग दो साल के बाद गोपालगंज से जेडीयू सांसद आलोक सुमन को इसकी जानकारी हुई. आखिरकार उन्होंने 3 सितंबर को इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा. उन्होंने संसद की सुरक्षा को खतरा बताते हुए कहा कि कैसे बबलू आर्य ने फर्जीवाड़ा कर बिना उनके सहमति से संसद में एंट्री पास बनवा लिया.
आलोक सुमन ने जो जानकारी लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री गृहमंत्री को दी, उसके मुताबिक जून 2019 से लेकर जून 2020 तक की अवधि के लिए बिना उनकी सहमति के ही बबलू आर्य ने एंट्री पास बनवा लिया. यह बिल्कुल अनाधिकृत था और इसे उन्होंने बड़ा फर्जीवाड़ा बताते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर चिंता जताई. जेडीयू सांसद की इस शिकायत के बाद ही लोकसभा सचिवालय एक्शन में आया. बाद में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई और आज दिल्ली पुलिस में मंत्री जनक चमार के पीए बबलू आर्य को गिरफ्तार कर लिया.