जेडीयू की इफ्तार पार्टी में तेजस्वी किनारे कर दिये गये : नीतीश के साथ नहीं मिली कुर्सी, लेकिन चाचा भतीजे को गाड़ी तक छोड़ने गये

जेडीयू की इफ्तार पार्टी में तेजस्वी किनारे कर दिये गये : नीतीश के साथ नहीं मिली कुर्सी, लेकिन चाचा भतीजे को गाड़ी तक छोड़ने गये

PATNA: बिहार में दावत-ए- इफ्तार के नाम पर हो रही सियासत की एक औऱ बानगी आज देखने को मिली. 6 दिन पहले नीतीश कुमार राबड़ी-तेजस्वी की इफ्तार पार्टी में पहुंचे थे. आज यानि गुरूवार को तेजस्वी यादव जेडीयू की इफ्तार पार्टी में शिरकत करने पहुंच गये. लेकिन राबड़ी के घर नीतीश को जो इज्जत मिली थी, तेजस्वी की वैसी कद्र जेडीयू के इफ्तार पार्टी में नहीं हुई. वैसे इफ्तार के आखिर में तेजस्वी को तब सकून जरूर हुआ होगा जब उनके नीतीश चाचा उन्हें गाड़ी तक छोड़ने गये। 


जेडीयू के इफ्तार पार्टी में तेजस्वी 

इससे पहले 22 अप्रैल की इफ्तार पार्टी की खूब चर्चा हुई थी. राबड़ी देवी औऱ तेजस्वी यादव ने अपने आवास पर इफ्तार पार्टी दी थी। नीतीश कुमार पैदल चलते हुए राबड़ी देवी के घर पर इफ्तार पार्टी में शामिल होने पहुंच गये थे। आज यानि 28 अप्रैल को तेजस्वी ने उसका बदला चुकाया. पटना के हज भवन में जेडीयू ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। तेजस्वी यादव अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव के साथ उस इफ्तार पार्टी में शामिल होने पहुंचे। 


किनारे कर दिये तेजस्वी

पहले आपको 22 अप्रैल को राबड़ी देवी के घर हुई इफ्तार पार्टी में नीतीश के स्वागत की याद दिला दें. नीतीश का स्वागत करने के लिए तेजस्वी खुद बाहर खड़े थे. नीतीश जब राबड़ी आवास के भीतर पहुंचे तो पूरा लालू परिवार उनकी आवभगत में लगा था. नजारा ऐसा दिखा था मानो नीतीश कुमार इस इफ्तार पार्टी के चीफ गेस्ट हों. लेकिन आज जब तेजस्वी जेडीयू के इफ्तार की दावत में पहुंचे तो वैसी कद्र नहीं हुई. नीतीश और तेजस्वी के बीच कम से कम चार कुर्सियों का फासला था।


दो कट्टर सियासी दुश्मनों के बीच बैठे तेजस्वी

बता दें कि इस सियासी इफ्तार पार्टी में बकायदा मंच बनाकर वीआईपी मेहमानों के बैठने का इंतजाम किया गया था. मंच के बीचो बीच सोफा रखा गया था, जिस पर सिर्फ नीतीश कुमार के बैठने की व्यवस्था थी. उसके बाद चार कुर्सियों के फासले पर तेजस्वी को बैठने की जगह मिली. तेजस्वी जहां बैठे उसके दोनों तरफ उनके दो कट्टर सियासी दुश्मन बैठे थे. एक ओर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह बैठे थे. वहीं दूसरी ओर पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी बैठे थे. गौरतलब है कि सुशील मोदी लालू परिवार के सबसे कट्टर सियासी दुश्मन माने जाते हैं. उनके खुलासों के कारण ही 2017 में तेजस्वी को डिप्टी सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी. उनके खिलाफ मुकदमा हुआ. लालू परिवार के दूसरे लोगों पर भी केस हुआ।


वहीं दूसरी ओर बैठे ललन सिंह से भी लालू परिवार की दुश्मनी जगजाहिर है. लालू यादव को चारा घोटाला मामले में जेल भिजवाने में ललन सिंह ने सबसे प्रमुख भूमिका निभायी थी. उसके बाद के दिनों में भी ललन सिंह का लालू फैमिली से टकराव चलता रहा. एक दफे तो ललन सिंह ने राबड़ी देवी के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा में भी किया था।


जेडीयू की इफ्तार पार्टी में तेजस्वी का हाल ये था कि वे अपने दोनों ओर बैठे नेताओं से बात भी नहीं कर पा रहे थे. ज्यादातर समय तक तेजस्वी खामोश बैठे ही रहे. तेजस्वी से कुछ दूरी पर डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद बैठे थे. लेकिन वे भी दूसरे लोगों से ही बात करने में व्यस्त दिखे।


आखिर में हुआ मिलन

इफ्तार पार्टी के दौरान तेजस्वी किनारे बैठे रहे. लेकिन जब पार्टी खत्म हुई तो नीतीश औऱ तेजस्वी का मिलन हुआ. दोनों एक साथ ही हज भवन से बाहर जाने के लिए निकले. जब दोनों कुर्सियों से उठे तो मिलन भी हो गया. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच चलते-चलते गुफ्तगूं हुई औऱ फिर दोनों साथ ही अपनी गाड़ियों की ओर बढे. नीतीश कुमार अपनी गाड़ी में बैठने से पहले तेजस्वी की गाड़ी तक उनके साथ गये. तेजस्वी जब अपनी गाड़ी में बैठ गये तो नीतीश वापस अपनी गाड़ी के पास पहुंचे और फिर वहां से निकले।