जेडीयू के वर्चुअल कार्यक्रम का दूसरा दिन, अरविंद निषाद, अभिषेक झा ने रखी पार्टी की बात

जेडीयू के वर्चुअल कार्यक्रम का दूसरा दिन, अरविंद निषाद, अभिषेक झा ने रखी पार्टी की बात

PATNA : जेडीयू कार्यालय के कर्पूरी सभागार में आज दूसरे दिन भी वर्चुअल माध्यम से पार्टी की बात रखी गयी। प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद एवं अभिषेक झा इस कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की फिर से शुरुआत किए जाने पर प्रवक्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की। कहा कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम को लेकर बिहार के लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। आज आयोजित जेडीयू के कार्यक्रम में बिहार सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं के लिए चलायी जा रही योजनाओं पर चर्चा की गयी। 

 

गौरतलब है कि जेडीयू में एक नए कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। जिसमें हर दिन अलग-अलग विषयों पर पार्टी के दो प्रवक्ता सुबह 11 बजे पार्टी की बात रखेंगे। यह कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से होगा जिसमें जेडीयू के दो प्रवक्ता रोजाना पार्टी की बातों को रखने का काम करेंगे। वही इस दौरान आने-वाले सुझावों पर पार्टी अमल भी करेगी। सोमवार को इस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी थी। जिसमें जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक और निखिल मंडल ने पार्टी की बात रखी थी और आज मंगलवार को भी दो प्रवक्ता अरविंद निषाद और अभिषेक झा ने वर्चुअल माध्यम से पार्टी की बाते रखने की कोशिश की। आज स्टूडेंट के हित में सरकार द्वारा किए गये कार्यों पर चर्चा की गयी। 

     

वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए जेडीयू प्रवक्ताओं ने बताया कि बिहार की 79% जनता ग्रामीण परिवेश से आती है। पहले आर्थिक चुनौतियों के कारण बिहार के छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते थे। इस परेशानी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना पूरे बिहार में चलाकर पूरे देश में एक मिसाल पेश की। आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को 4 लाख रुपए की राशि इंजीनियरिंग,मेडिकल और अन्य कोर्स की पढ़ाई के लिए इस योजना के माध्यम से दी जाने लगी।


20 अगस्त 2020 तक 86544 छात्र-छात्राओं ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाया। इन 86544 विद्यार्थियों को 1018 करोड़ 89 लाख 90 हजार 475 रुपए स्वीकृत किए गये।बिहार से बाहर पढ़ रहे 42321 विद्यार्थियों को 3755 करोड़ 50 लाख 48हजार 375 रुपए की स्वीकृति दी गयी। वही बिहार में रहने वाले 44223 स्टूडेंट के लिए 6433 करोड़ 48 लाख 57 हजार 136 रुपए स्वीकृत किया गया। इसके अलावे विभिन्न सामाजिक समूह का स्कॉलरशिप भी मिलता रहा और सरकार ने इस दिशा में सार्थक प्रयास किया।


जेडीयू के प्रवक्ताओं ने बताया कि जब बिहार के स्टूडेंट इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य कोर्स की पढ़ाई करने बाहर जाने लगे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह निर्णय लिया कि बिहार में ही बहुत सारे इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। नीतीश कुमार चाहते तो निजीकरण को बढ़ावा दे सकते थे। लेकिन उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और आज स्थिति अलग है।


1960 से 2005 तक बिहार में एक भी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खुला था। निजी क्षेत्र के 3 इंजीनियरिंग कॉलेज भी लालू-राबड़ी राज में बंद हो गए। 2005 से 2020 तक 39 इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गये। 1954 से 2005 तक राज्य में सरकारी क्षेत्र में 3 इंजीनियरिंग कॉलेज थे। उनकी प्रवेश क्षमता 800 स्टूडेंड की थी। आज यह प्रवेश क्षमता बढ़कर 9275 हो चुकी है।


बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज का फीस ₹10 प्रति माह और एनुअल डेवलपमेंट फीस 2500 रुपए प्रति वर्ष है यानी कुल पढ़ाई का खर्च लगभग ₹14800 मात्र है। आजादी से 2005  के बीच सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज 1971 में भागलपुर में खुला था। 2005 से 2020 के बीच 15 मेडिकल कॉलेज खोले गये। राज्य में कुल 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं जिनमें 1290 एमबीबीएस की सीट और 441 पीजी की सीट है। मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले में एक तिहाई आरक्षण बेटियों को देने का ऐतिहासिक फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सिर्फ बिहार में हुआ है।


सरकारी मेडिकल कॉलेज में वार्षिक फीस रु6000 से ₹6500 मात्र है। 1990 से 2005 तक कोई एएनएम जीएनएम कॉलेज नहीं खुला था और सिर्फ एक पारा मेडिकल कॉलेज था।2005 से 2020 तक 65 एएनएम कॉलेज, 34 जीएनएम 28 पारा मेडिकल कॉलेज खुले। 2005 में 29 आईटीआई था और 2020 में 149 आईटीआई है। सभी अनुमंडल में आईटीआई और सभी जिलों में महिला आईटीआई है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी के निर्माण के लिए 13 करोड़ 25 लाख रुपए स्वीकृत किए जा चुके है। 2021 तक इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।


लालू सरकार ने मौलाना मजहरूल हक अरेबिक पर्शियन विश्वविद्यालय को एक कमरे में स्थापित किया गया था। इस विश्वविद्यालय को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मूर्त रूप दिया।वर्तमान में यह विश्वविद्यालय पूरे राज्य में संचालित है। नीतीश सरकार तकनीकी विश्वविद्यालय बनाने जा रही है। खेल विश्वविद्यालय की स्थापना प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम एवं स्पोर्ट्स एकेडमी राजगीर परिसर में निर्माणाधीन है।


बिहार के बच्चों को बिहार में उच्च तकनीकी शिक्षा देना तथा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से आर्थिक अड़चनों को दूर करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्राथमिकता में रहा है और उनके इस कदम से बिहार के बच्चों को लाभ मिल रहा है। मंगलवार को प्रवक्ता अरविंद निषाद और अभिषेक झा ने वर्चुअल माध्यम से पार्टी की बात रखी। राज्य के छात्र-छात्राओं के हित में सरकार द्वारा किए गये कार्यों और योजनाओं पर चर्चा हुई।