ARWAL: बिहार में जातीय गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से जारी है। जातीय गणना का काम 15 मई तक की जाएगी। इस दौरान घर-घर जाकर लोगों से 17 सवाल पूछे जा रहे हैं। जातीय गणना के दौरान अरवल जिले में हैरान कर देने वाली बात सामने आई। जब सवाल करने वाले कर्मचारी ने महिलाओं से पति का नाम पूछा तब 40 महिलाओं ने अपने पति का नाम रूपचंद बताया। जातीय गणना करने वाले कर्मी राजेश रंजन भी महिलाओं का जवाब सुनकर दंग रह गये।
दरअसल राकेश रंजन को अरवल के वार्ड संख्या 7 स्थित रेल लाइट एरिया में जातीय गणना के लिए लगाया गया था। इस इलाके में नट जाति की गणना करने पहुंचे कर्मी उस वक्त हैरान रह गये जब पता चला कि यहां रहने वाली 40 महिलाओं के पति का नाम रूपचंद है। वही कुछ लड़कियों ने भी अपने पिता का नाम रूपचंद बताया। इस रेड लाइट एरिया में महिलाएं नाच-गाकर जीवन गुजारती है। यहां की महिलाओं का कोई स्थायी ठिकाना नहीं होता है। महिलाएं रूपचंद को सब कुछ मानती हैं। इलाके में ऐसे दर्जनों परिवार हैं, जिन्होंने रूपचंद को अपना सब कुछ माना है। रूपचंद कौन है? कहां है? कोई नहीं जानता?
जातीय गणना करने पहुंचे राजीव रंजन राकेश ने बताया कि रेड लाइट एरिया में रहने वाली महिलाओं से जब उन्होंने सर्वे किया तब 40 महिलाओं ने बताया कि उनके पति का नाम रूपचंद है। वही कई लड़कियों ने बताया कि उनके पिता का नाम रूपचंद है तो कई महिलाओं ने भी बताया कि उनके बेटे का नाम रूपचंद है। जब इसके बारे में जानकारी जुटाई गई कि रूपचंद आखिर कौन है? तो पता चला कि रूपचंद कोई आदमी नहीं है। पैसे को रूपचंद कहा जाता है। यही वजह है कि महिलाएं ने पैसे को ही पति माना और उसका नाम रूपचंद रख दिया।