'जनता कर्फ्यू' में घरों में 'लॉक डाउन' हुए हड़ताली नियोजित शिक्षक, घर से ही 'सेल्फी विद फैमिली' के साथ आवाज की बुलंद

'जनता कर्फ्यू' में घरों में 'लॉक डाउन' हुए हड़ताली नियोजित शिक्षक, घर से ही 'सेल्फी विद फैमिली' के साथ आवाज की बुलंद

PATNA :जनता कर्फ्यू के बीच पूरे बिहार में लॉक डाउन का एलान कर दिया गया है। सीएम नीतीश कुमार ने तमाम जिलों के शहरी मुख्यालयों समेत अनुमंडल और ब्लॉक मुख्यालयों तक को लॉक डाउन का एलान कर दिया है। 

इस बीच बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों की समान काम समान वेतन और समान सेवाशर्त की मांग को अब घर से बैठकर बुलंद कर दिया है। शिक्षकों ने सेल्फी विद फैमिली के साथ सरकार के समर्थन के साथ-साथ अपने मागों के समर्थन का विरोध भी जताया।

कोरोना महामारी के मद्देनजर सोशल डिस्टैसिंग को बढ़ावा देने और वायरस सर्किल तोड़ने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री द्वारा आहूत जनता कर्फ्यू का समर्थन करते हुए बिहार के हड़ताली शिक्षक आज सपरिवार अपने घरों में बंद रहे। जनता कर्फ्यू के दौरान दिनभर शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर सैल्फी विद फैमिली कैंपेन चलाया। कैंपेन के दौरान शेम हेल्थ- शेम एजुकेशन एवं फाइट अगेंस्ट कोरोना और फाइट अगेंस्ट नियोजनवाद हैशटैग के साथ हड़ताली शिक्षकों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की। 

इस बाबत जानकारी देते हुए टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक एवं प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने बताया कि हड़ताली शिक्षकों ने अपने दमपर सप्ताहभर से कोरोना वायरस के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया है एवं बिना किसी सरकारी सहायता के आवश्यक सामग्रियों का वितरण भी किया है। 

उन्होनें कहा कि आगे भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शिक्षक जनता और सरकार के साथ हैं। अगर सरकार आवश्यक सुरक्षा किट उपलब्ध कराए तो हड़ताली शिक्षक हेल्थ वालंटियर के रूप में कार्य करने के लिए तैयार है।  कोरोना के गहराते प्रकोप को देखते हुए बिहार सरकार को हठधर्मिता छोड़कर बिहार के हड़ताली शिक्षकों की मांगों सहायक शिक्षक- राज्य कर्मी का दर्जा के साथ पूर्ण वेतन एवं सेवाशर्त पर संवेदनशीलता से विचार करते हुए उनकी हड़ताल तुड़वानी चाहिए।

हड़ताली शिक्षकों ने कहा कि कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर जनसुरक्षा के मद्देनजर बिहार सरकार को कोरोना लैब टेस्ट समेत तमाम तरह के इलाज की व्यवस्था अविलंब करनी चाहिए तथा केरल के तर्ज पर आवश्यक आर्थिक पैकेज जारी करनी चाहिए। आवश्यक सामग्रियों की कालाबाजारी नयी नयी समस्याओं को पैदा कर रही है। मरीज की संख्या को देखते हुए निजी अस्पतालों को कम से कम दो महीना के लिए अधिग्रहित करते हुए उसमें तमाम पीड़ितों के नि:शुल्क इलाज की गारंटी होनी चाहिए।

संगठन के प्रदेश सचिव, शाकिर इमाम, अमित कुमार, नजीर हुसैन, संजीत पटेल और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने कहा कि हड़ताली शिक्षक महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मानव संसाधन मंत्री और चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट को अपनी व्यथा रखते हुए अपने मांगों पर ईमेल भेजेंगे। यह कैंपेन कल से एक सप्ताह तक चलेगा।  शिक्षकों ने कहा कि यह वक्त कोरोना महामारी के खिलाफ एहतियातों के साथ मजबूती से एकजुट रहने का है तथा अपने हक की लड़ाई में धीरज के साथ डटे रहने का है।