PATNA : जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से दिए गए बयान से उनकी ही कैबिनेट सहयोगी और बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी सहमत नहीं हैं। जनसंख्या नियंत्रण पर सीएम नीतीश कुमार ने आज ही यह बयान दिया था कि इसके लिए शिक्षा और खास तौर पर महिलाओं में जागरूकता और शैक्षणिक स्तर का बढ़ाया जाना बेहद जरूरी है दिनेश कुमार ने कहा था कि अगर महिलाएं शिक्षित होंगी जागरूक होगी तो प्रजनन दर कम हो जाएगी हालांकि डिप्टी सीएम रेणु देवी की राय से अलग है। रेणु देवी ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए पुरुषों को जागरूक करना ज्यादा जरूरी है।
उप मुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन विभाग की मंत्री रेणु देवी ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए राज्य में कुपोषण दर में कमी, साक्षरता दर बढ़ाने और परिवार नियोजन के संबंध में व्यापक जागरूकता लाने की जरूरत है। हालांकि यह सभी कार्य हो रहे हैं, इन कार्यो के परिणाम भी अच्छे मिले हैं, मगर इसमें युद्ध स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को जागरूक करने की जरूरत है। क्योंकि पुरुषों में नसबंदी को लेकर काफी डर देखा जाता है। बिहार के कई जिलो में तो नसबंदी की दर मात्र एक प्रतिशत है। महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए सरकारी अस्पतालों में कई सुविधाएं दी जाती हैं मगर इन सुविधाओं को लाभ महिलाओं तक तभी पहुंचेगा जब घर के पुरूष जागरूक हाें और महिलाओं को अस्पताल तक लेकर जाएं।
अक्सर देखा गया है कि बेटे की चाहत में पति और ससुरालवाले महिला पर अधिक बच्चे पैदा करने का दबाव बनाते हैं, जिससे परिवार का आकार बड़ा होता जाता है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए जेेंडर इक्वालिटी पर भी काम करने की जरूरत है। लोगों को समझना होगा कि बेटा-बेटी एक समान हैं।
रेणु देवी ने कहा है कि बिहार में जनसंख्या स्थिर करने में व्यापक जागरूकता के आधार पर एक हद तक कामयाबी मिली है। मगर यह आज भी एक चुनौती है। बिहार देश के सर्वाधिक आबादीवाले राज्यों में से एक है। बिहार में अब भी प्रजनन दर 3.0 है। राज्य में खुशहाली के लिए जनसंख्या स्थिर होना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों की भी राय है कि बढ़ती या अनियंत्रित आबादी राज्य की चहुंमुखी विकास में बाधक होती है।
रेणु देवी ने कहा कि बिहार में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के शिविरों में भी गर्भनिरोधक गोलियों के वितरण, परिवार नियोजन के उपायों की जानकारी और सुरक्षित प्रसव की व्यरवस्था के लिए आग्रह किया गया है। प्रजनन दर के लिए पुरुष ज्यादा जिम्मेदार है या फिर महिलाएं इसको लेकर अब सीएम नीतीश कुमार और उनकी डिप्टी सीएम के बीच ही बहस छिड़ गई है।