PATNA : बिहार में हर महीने जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत हो रही है। ताजा मामला जहरीली शराब कांड में 44 लोगों की मौत के बाद बिहार सरकार एक्शन में है। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने मद्य निषेध अधिकारियों को शराबबंदी कानून के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। उन्होंने शराबबंदी की सफलता के लिए खुफिया तंत्र को अधिक मजबूत और इस पर विशेष फोकस करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप से शराब के धंधे से जुड़े परिवारों को चिह्नित कर उन्हें सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़े। ऐसे परिवार की पहचान करने का काम करें। अब तक इस योजना से 49 हजार परिवारों के बीच 116 करोड़ रुपये की राशि का वितरण कर दिया गया है। ऐसे परिवार को चिह्नित कर इनके बीच अतिरिक्त राशि का वितरण करें। इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि जहरीली शराब जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने पर खासतौर से विभाग को ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके लिए विभागीय स्तर पर तंत्र को अधिक मजबूत करें। इसमें शामिल लोगों को चिह्नित कर सख्त कार्रवाई करें। इस दौरान मुख्य सचिव ने हाल ही में हुई जहरीली शराब कांड से जुड़ी जानकारी अधिकारियों से मांगी। इसकी जांच में क्या-क्या तथ्य सामने आए, दोषियों पर क्या कार्रवाई हुई, इसकी सारी जानकारी मद्य निषेध अधिकारियों ने मुख्य सचिव को दी। इसके अलावा अधिकारियों ने विभाग के स्तर से हाल के दिनों में की गई कार्रवाई का विस्तृत ब्योरा भी दिया। उन्होंने कहा कि विभाग में रिक्त और नए पदों को जल्द भरा जाए, ताकि शराबबंदी कानून को लागू करने में किसी तरह की समस्या नहीं हो।
मुख्य सचिव ने कहा कि अवैध शराब के बड़े सप्लायरों की पहचान कर इन्हें दबोचने की रणनीति तैयार करें। इसके लिए पुलिस के साथ मिलकर व्यापक स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून का प्रचार-प्रसार व्यापक स्तर पर करें ताकि ग्रामीण स्तर के लोगों के बीच इसकी समुचित जानकारी मिल सके। मुख्य सचिव ने निबंधन विभाग के कामकाज की भी जानकारी ली। इस समीक्षा बैठक में विभागीय सचिव विनोद सिंह गुंजियाल, संयुक्त आयुक्त कृष्ण कुमार, संयुक्त सचिव विकास कुमार सिंह, निबंधन के डीआइजी सुशील कुमार सुमन समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।