तमिलनाडु से बिहार आ रहा दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग, महाबलीपुरम में 10 साल से हो रहा था निर्माण, इतने रूपये लगे बनाने में Bihar News: बिहार में अब ऐसे शिक्षकों का काटा जाएगा वेतन, इस जिले से शिक्षा विभाग का एक्शन शुरू बेतिया में ITBP जवान ने खुद को गोली मारी, मौके पर ही मौत, घटना का कारण पता लगाने में जुटी पुलिस रोहतास में 9 फीट का मिला अजगर, देखने के लिए उमड़ी भारी भीड़, स्नेक कैचर ने किया रेस्क्यू Bihar News: बिहार के इस जिले में SSP का ताबड़तोड़ एक्शन, 24 घंटे में 40 अपराधी गिरफ्तार Bihar Assembly Election 2025 : बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) को सम्मानित करेगी BJP, जानिए क्या है पार्टी का पूरा प्लान BSSC CGL-4 : BSSC CGL-4 और ऑफिस अटेंडेंट भर्ती 2025 में वैकेंसी बढ़ी, अब आवेदन की अंतिम तिथि 24 नवंबर Lalganj Sarai accident : लालगंज–सराय मार्ग पर बाइक टक्कर, एक युवक की मौत, दो गंभीर रूप से घायल Domestic Gas Cost : अब सिलेंडर भराने की टेंशन खत्म, दिसंबर से घर-घर पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) सप्लाई शुरू Bihar News: VVCP छात्रवृत्ति परीक्षा में इतने छात्रों की भागीदारी, करियर काउंसलिंग कार्यक्रम हुआ सफल
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 19 Oct 2023 07:00:24 PM IST
- फ़ोटो
PURNEA: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी अपनी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के दौरान गुरुवार को पूर्णिया पहुंचे। यहां उनकी यात्रा की शुरुआत बनमनखी प्रखंड के जानकीनगर से हुई। इसके बाद यह यात्रा बनमनखी पहुंची।
इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में सबसे बड़ी ताकत वोट की है। लालू प्रसाद को उनके समाज के लोगों ने साथ दिया तो वे बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने राजद के कार्यकाल की तारीफ करते हुए कहा कि लालू राज में प्रदेश के गरीब दलित, पिछड़े आगे बढ़े।
उन्होंने उपस्थित उत्साहित जनता में ऊर्जा का संचार करते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि आज हमारे पास वोट है, लेकिन इस ताकत को पहचानने की जरूरत है। जातीय गणना की रिपोर्ट से यह साफ है कि प्रदेश में यादवों के बाद सबसे अधिक जनसंख्या निषादों की है। अगर हम अपनी ताकत को पहचान कर एकजुट हो जाएं तो पटना क्या दिल्ली की सत्ता तक पहुंच सकते हैं।
इस दौरान हजारों लोगों के हुजूम को सहनी ने हाथ में गंगाजल देकर संघर्ष करने का संकल्प दिलवाया। लोगों ने भी संकल्प लेकर वीआईपी को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि संघर्ष से ही शिखर तक की यात्रा की जा सकती है। आज हमें जायज अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, तो इसका एक मात्र कारण है कि हमारे पूर्वज अपने अधिकार के लिए जागरूक नहीं हुए।
सहनी ने कहा कि कई राज्यों में आज निषादों को आरक्षण है लेकिन बिहार, यूपी और झारखंड में नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि जब तक हम निषाद के लिए आरक्षण नहीं ले लेते तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। आज भी मजबूरी में निषाद के बच्चों को ठंड के मौसम में सुबह नदी, तालाब में मछली मारने के लिए जाना होता है क्योंकि अगर ये मछली नहीं मारेंगे तो इनके घर का चूल्हा नहीं जलेगा।
