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जब लालू यादव ने बीमार कर्पूरी ठाकुर को जीप पर बिठाने से मना कर दिया था: भारत रत्न मिलने पर फिर सामने आयी पुरानी कहानी

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 30 Mar 2024 03:01:05 PM IST

जब लालू यादव ने बीमार कर्पूरी ठाकुर को जीप पर बिठाने से मना कर दिया था: भारत रत्न मिलने पर फिर सामने आयी पुरानी कहानी

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PATNA: बिहार में पिछड़ों के सबसे बड़े नेता माने जाने वाले पूर्व सीएम स्व. कर्पूरी ठाकुर को आज राष्ट्रपति भवन में भारत रत्न सम्मान दिया गया. स्व. कर्पूरी ठाकुर की ओर से उनके बेटे और राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर ने देश का सर्वोच्च सम्मान प्राप्त किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे. 


लेकिन कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान के मौके पर पुरानी कहानी फिर से चर्चा में आ गयी है. ये कहानी है राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की. खुद को कर्पूरी ठाकुर का शिष्य बताने वाले लालू यादव ने बीमार कर्पूरी ठाकुर को विधानसभा से घर जाने के लिए अपनी जीप देने से मना कर दिया था. दो-दो बार बिहार के सीएम रहे कर्पूरी ठाकुर के पास कोई गाड़ी नहीं थी. वे हमेशा रिक्शे से चलते थे. जेडीयू ने आज पुराना वाकया उठाते हुए लालू यादव से जवाब मांगा है.


क्या है वाकया?

दरअसल, वरिष्ठ पत्रकार अनुरंजन झा ने अपनी किताब 'गांधी मैदान Bluff of Social Justice' में इस घटना का जिक्र किया है. मामला 1980 के दशक की है, जब कर्पूरी ठाकुर विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. विधानसभा में उनकी तबीयत खराब हो गयी और उन्हें खाने के साथ दवाई लेनी थी. तब उन्होंने एक पर्ची में के जरिये लालू यादव को मैसेज भिजवाया कि वह अपनी जीप थोड़ी देर के लिए दे दें ताकि कर्पूरी ठाकुर अपने घऱ जा सकें. लालू यादव ने उसी पर्ची पर दो टूक जवाब लिखकर भिजवा दिया कि जीप में तेल नहीं है. लालू यादव ने यह भी कहा कि आप दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं एक कार खरीद लीजिए.


कर्पूरी ठाकुर का कहना था कि उनके पास कार खरीदने और उसमें तेल डलवाने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. जो तनख्वाह मिलती है उसमें बड़ी मुश्किल से घर की दाल रोटी चल पाती है. कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के सीएम रहे लेकिन उनकी चर्चा आज भी उनकी सादगी के लिए होती है. जबकि उस दौर में लालू यादव के पास एक जीप थी. लालू यादव ने 1977 में यह मिलिट्री डिस्पोजल जीप खरीदी थी. लालू यादव अपने परिवार के साथ गांव जाने के लिए भी इसी जीप का इस्तेमाल करते थे. वहीं कर्पूरी ठाकुर हमेशा रिक्शा से ही चलते थे. उन्होंने अपने लिए कभी गाड़ी नहीं खरीदी.


जेडीयू ने लालू को दी चुनौती

जेडीयू ने आज इस पुरानी कहानी को उठाते हुए लालू यादव पर हमला बोला है. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि लालू यादव ने हमेशा कर्पूरी ठाकुर का अपमान किया. कर्पूरी जी के समय लालू अपने करीबियों के बीच उन्हें कपटी ठाकुर के नाम से संबोधित करते थे. नीरज कुमार ने लालू यादव से कई सवाल पूछे हैं. उन्होंने पूछा है


जेडीयू ने पूछा है कि लालू प्रसाद यादव ये बताएं कि क्या ये सही नहीं है कि, तत्कालीन विधानसभा उपाध्यक्ष शिवनंदन पासवान ने उस समय के विधायक लालू प्रसाद यादव से अनुरोध किया था कि कर्पूरी ठाकुर को सदन में आने के लिए वो अपनी गाड़ी भेज दें? क्या लालू प्रसाद यादव ने तत्कालीन विधानसभा उपाध्यक्ष शिवनंदन पासवान के लिखे पुर्जे का ये जवाब दिया था कि, उनकी जीप में तेल नहीं है, और कर्पूरी ठाकुर रिक्शे से चले आएंगे? साथ ही उन्होंने यह भी लिखा था कि वो दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं गाड़ी क्यों नहीं खरीदते?


जेडीयू ने कहा है कि लालू प्रसाद यादव या फिर आरजेडी ये स्पष्ट करे कि तत्कालीन विधानसभा उपाध्यक्ष शिवनंदन पासवान के लिखे पुर्जे पर दिए जवाब में लालू प्रसाद यादव के हस्ताक्षर हैं? जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता ने कहा है कि इस मामले में अगर उनकी बात गलत है तो वो कानूनी कार्रवाई का सामना करने को भी तैयार हैं. 


जेडीयू ने कहा है कि क्या ये सही नहीं है कि लालू प्रसाद यादव राजनीति के सामंत हैं और अति पिछड़ों का अपमान करना इनका स्वभाव है, इसलिए वो जननायक कर्पूरी ठाकुर को अपनी गाड़ी तक नहीं दे रहे थे और विधायक रहते लालू प्रसाद यादव उन्हें रिक्शे से सदन आने की सलाह दे रहे थे? क्या ये लालू प्रसाद यादव का अतिपिछड़ों के प्रति सामाजिक दुराग्रह नहीं है ?