DESK : दीपावली के मौके पर अयोध्या में उत्सव का माहौल रहा। सरयू के तट दीयों की झिलमिल से रोशन हो उठे। आठवें दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्यानगरी में भव्य झांकी निकाली गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरती उतारी और रथ को खींचा। जिस पर भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की भूमिका निभाने वाले कलाकार बैठे थे।
वहीं दीपोत्सव पर अयोध्यानगरी में 2 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बने। पहला सबसे अधिक लोगों द्वारा एक साथ आरती करने का और दूसरा सबसे ज्यादा दीये जलाने का। बता दें कि पवित्र शहर में एक साथ 25 लाख से अधिक मिट्टी के दीये जलाए गए और 1,121 'वेदाचार्यों' ने एकसाथ आरती की। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक प्रवीण पटेल ने वेरिफिकेशन के लिए गिनीज कंसल्टेंट निश्चल भरोट के साथ अयोध्या का दौरा किया।
इसके बाद उन्होंने यहां नए रिकॉर्ड की घोषणा की। प्रवीण पटेल ने कहा कि 1,121 लोगों ने एकसाथ सरयू आरती की और साथ ही कुल 25,12,585 दीये जलाए गए, जो कि नया रिकॉर्ड है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक प्रवीण पटेल ने कहा कि यूपी पर्यटन, यूपी सरकार, अयोध्या जिला प्रशासन और डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय तेल के दीयों के सबसे बड़े प्रदर्शन के लिए नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के खिताब धारक हैं।
प्रवीण पटेल ने कहा कि 2 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड खिताबों को वैरिफाई करके वह काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि सबसे ज़्यादा लोगों द्वारा एक साथ सरयू की आरती करना एक बिल्कुल नया रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि पिछली बार तेल के 22,23,676 दीये जलाए गए थे। पटेल ने कहा कि ये महत्वपूर्ण है कि हमारे पास न सिर्फ सबसे ज्यादा दीये जलाने का रिकॉर्ड है, बल्कि ये भी जरूरी है कि आप दिशा-निर्देशों का पालन करें। यहां दोनों रिकॉर्ड के लिए दिशा-निर्देशों को पूरा किया है।
वहीं, सरकार की ओर से जारी एक बयान के अनुसार सीएम आदित्यनाथ ने सबसे पहले भगवान राम के दर्शन किए और फिर उनके चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने भगवान के सामने दीये जलाए। मुख्यमंत्री ने बाहर भी पांच दीये जलाए। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित कई मंत्रियों और अन्य गणमान्य लोगों ने भी राम मंदिर में रामलला के दर्शन किए।
इधर, अयोध्या के संत समुदाय ने दीपोत्सव पर खुशी जाहिर की और इसे विशेष बताया क्योंकि भगवान राम अयोध्या मंदिर में "अपने निवास पर लौट आए हैं". इस साल की शुरुआत में यहां भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद इस साल दीपोत्सव समारोह ने संतों और भक्तों के बीच काफी उत्साह जगाया है। संत समुदाय ने दीपोत्सव को एक अनूठा और महत्वपूर्ण अवसर बताया जो 500 साल के लंबे इंतजार के बाद साकार हुआ है।