नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के सामने झुक गया पाकिस्तान, रोहित सिंह बोले..देश को अपने प्रधानमंत्री और सेना पर गर्व अरवल में 2 थानेदार का तबादला: मानिकपुर और SC/ST थाने की सौंपी गई जिम्मेदारी GOPALGANJ: गंडक नदी से मिला लापता व्यवसायी का शव, हत्या की आशंका जता रहे परिजन गया में महिला की इलाज के दौरान मौत, गुस्साए परिजनों ने किया जमकर हंगामा, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप Bihar News: बरसात से पहले गड्ढा मुक्त होंगी ग्रामीण सड़कें , बिहार सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी Bihar News: बरसात से पहले गड्ढा मुक्त होंगी ग्रामीण सड़कें , बिहार सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी India Pakistan Ceasefire: युद्ध विराम पर मुकेश सहनी ने PAK को दी सलाह, कहा..अब पाकिस्तान को आतंकवादियों के सफाए की लड़ाई लड़नी चाहिए Bihar Education News: बिहार के 95 प्रतिशत छात्रों के पास पढ़ने के लिए किताबें मौजूद, सरकार ने जारी किया आंकड़ा; पोशाक के लिए राशि जारी Bihar Education News: बिहार के 95 प्रतिशत छात्रों के पास पढ़ने के लिए किताबें मौजूद, सरकार ने जारी किया आंकड़ा; पोशाक के लिए राशि जारी 'मोटका' कहने पर 2 युवकों को मारी गोली, 20 किलोमीटर तक कार को किया ओवरटेक
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 20 Jan 2023 12:51:30 PM IST
- फ़ोटो
DELHI: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले को कहा है कि वे पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर करें.
सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच में इस याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस बात से नाराज थी कि याचिका दायर करने वालों ने हाईकोर्ट के बजाय सीधे सर्वोच्च न्यायालय मे अपील दायर दी है. कोर्ट ने कहा कि ये पब्लिसिटी के लिए दायर की गयी याचिका है. कोर्ट ने कहा कि वे इस याचिका की सुनवाई नहीं कर सकते. याचिका दायर करने वाले को हाईकोर्ट जाना चाहिये.
बता दें कि, बिहार में शुरू हुए जातिगत जनगणना के खिलाफ 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि बिहार सरकार न सिर्फ भारतीय संविधान का उल्लंघन कर जातिगत जनगणना करा रही है बल्कि जातीय दुर्भावना पैदा करने की भी कोशिश कर रही है. कोर्ट से बिहार के जातिगत जनगणना पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गयी थी.
सुप्रीम कोर्ट में ये जनहित याचिका बिहार के नालंदा के निवासी अखिलेश कुमार ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि जनगणना कानून के तहत सिर्फ केंद्र सरकार ही देश में जनगणना करा सकती है. इसके लिए नियम बनाये गये हैं जिसके तहत जनगणना करायी जायेगी. राज्य सरकार को जनगणना कराने का अधिकार ही नहीं है. ऐसे में बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का आदेश जारी कर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि सरकार किसी व्यक्ति की जाति औऱ धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं कर सकती है. भारतीय संविधान की कई धाराओं में स्पष्ट तौर पर ये बातें कहीं गयी हैं. संविधान में ये भी कहा गया है कि किसी जाति को ध्यान में रख कर कोई नीति या पॉलिसी नहीं बनायी जा सकती है.
कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि भारतीय संविधान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कार्यों का बंटवारा किया गया है. इसमें राज्यों के जिम्मे जनगणना कराने का अधिकार नहीं दिया गया है. भारतीय संविधान में जातिगत भेदभाव खत्म करने पर जोर दिया गया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई आदेश में ये साफ कहा है कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिये जिससे समाज में जातिगत या धार्मिक भेदभाव बढ़े.