PATNA : पटना हाईकोर्ट ने सीनियर आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा को राहत दी है। कोर्ट ने इनके खिलाफ जवाबी हलफनामा दायर होने तक किसी प्रकार का दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति डॉ. अंशुमान की एकलपीठ ने अमित लोढ़ा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें राहत दी है।
लोढ़ा के वकील ने कोर्ट को बताया कि, आवेदक के खिलाफ आरोप लगाया गया है कि सरकारी पद पर रहते अनुचित लाभ के लिए एक प्रोडक्शन हाउस से 49 लाख 62 हजार 372 रुपये लिये हैं। जबकि आरोप है कि आवेदक अपनी आत्मकथा के प्रकाशन और प्रदर्शन के एवज में पैसा लिये हैं। उनका कहना था कि आत्मकथा के प्रकाशन एवं प्रदर्शन के लिये केंद्रीय गृह मंत्रालय से 2 फरवरी 2018 को अनुमति मिली थी। लेकिन विशेष निगरानी इकाई, गृह मंत्रालय से मिली अनुमति को देखे बिना इस तरह का आरोप लगाया जा रहा है।
वहीं, विशेष निगरानी इकाई की ओर से इस मामले में विस्तृत जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए समय देने की मांग कोर्ट से की गई। कोर्ट ने विशेष निगरानी इकाई को तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया। साथ ही आवेदक को जवाबी हलफनामा दायर होने के बाद एक सप्ताह के भीतर दायर जवाबी हलफनामा का जवाब देने का आदेश दिया है। कोर्ट का कहना था कि जब तक जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया जाता तब तक आवेदक के खिलाफ किसी प्रकार की दण्डात्मक कार्रवाई नही करें। कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 24 अप्रैल तय की।
इसके साथ ही एक अन्य याचिका की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने आईपीएस अमित लोढ़ा को बढ़ी राहत दी है। कोर्ट ने इनके मौजूदा वेतन की निकासी करने की भी छूट दे दी है। कोर्ट ने एसबीआई के खाता से वेतन राशि निकासी करने का आदेश दिया। साथ ही जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया। कोर्ट ने एचडीएफसी और एसबीआई बैंक को भी जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि, निगरानी ने एचडीएफसी और एसबीआई के खाता से लेनदेन नहीं करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद अब कोर्ट ने यह आदेश दिया है।