IPS आदित्य कुमार के हर कुकर्म को छिपाती रही थी पुलिस: IPS के खास दारोगा को भी खुला छोड़ रखा था, अब गिरफ्तारी की कवायद

IPS आदित्य कुमार के हर कुकर्म को छिपाती रही थी पुलिस: IPS के खास दारोगा को भी खुला छोड़ रखा था, अब गिरफ्तारी की कवायद

PATNA: हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का फर्जी फोन कॉल करा कर अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे को खत्म कराने औऱ पोस्टिंग की अनुशंसा करने वाले निलंबित आईपीएस आदित्य कुमार के हर कुकर्म को बिहार का सारा पुलिस तंत्र आखिर-आखिर तक छिपाता रहा. आदित्य कुमार की कौन कहे उनके प्रमुख वसूलीकर्ता सब इंस्पेक्टर संजय कुमार को पुलिस ने खुला छोड़ दिया था. जबकि संजय कुमार पर दो महीने पहले ही एक कुख्यात अपराधी को भगाने के आरोप में केस दर्ज हुआ था. केस दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने संजय कुमार को आराम से घूमने दिया. अब जब हर रोज नयी कहानियां सामने आ रही है तो दारोगा संजय कुमार की गिरफ्तारी के लिए वारंट निकलवाया जा रहा है।


बता दें कि ये वही दारोगा है जिसने गया के फतेहपुर थाने के थानेदार रहते शराब बरामदगी के कई मामलों को रफा दफा कर दिया था. तब आदित्य कुमार गया के एसएसपी थे. जब आईजी ने कार्रवाई का दबाव डाला था तो आदित्य कुमार ने पहले संजय कुमार को लाइन हाजिर किया औऱ फिर दूसरे थाने की थानेदारी थमा थी. इसी मामले में आदित्य कुमार और थानेदार संजय कुमार के खिलाफ केस दर्ज हुआ था, जिसे बिहार के डीजीपी ने पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के कथित फर्जी फोन कॉल पर खत्म कर दिया था। 


कुख्यात अपराधी को भगाने का दर्ज था केस

गया में आदित्य कुमार के एसएसपी रहते जब शराब का मामला तूल पकड़ा था तो तत्कालीन आईजी अमित लोढ़ा ने दरोगा संजय कुमार को जिले से बाहर ट्रांसफर कर दिया था. संजय कुमार को औरंगाबाद ट्रांसफर कर दिया गया था. लेकिन वहां भी उसने एक कुख्यात अपराधी के कारनामों को छिपा कर पुलिस महकमे को गुमराह किया था. इसके बाद एडीजी (लॉ एंड आर्डर) की रिपोर्ट पर संजय कुमार को सस्पेंड कर दिया गया था. निलंबन की अवधि में संजय कुमार को औरंगाबाद में ही रहना था लेकिन वह आराम से पटना में रह रहा था।


इसी बीच सितंबर महीने में औरंगाबाद की पुलिस अपने जिले के मोस्ट वांटेड अपराधी गोल्डन दास को गिरफ्तार करने के लिए पटना आई थी. पुलिस टीम को पता चला था कि गोल्डन दास पटना के रूपसपुर में रह रहा है. छापेमारी के दौरान रुपसपुर इलाके में गोल्डन दास और निलंबित सब इंस्पेक्टर संजय कुमार एक साथ पाये गये. औरंगाबाद पुलिस ने जब गोल्डन दास को गिरफ्तार करना चाहा तो वहां मौजूद निलंबित दरोगा संजय कुमार ने गोल्डन दास को गिरफ्तार करने से रोक दिया. संजय कुमार पुलिस के सामने से ही गोल्डन दास को भगान लगा था।


बड़ी मशक्कत के बाद औरंगाबाद पुलिस गोल्डन दास को गिरफ्तार कर पायी थी. लेकिन निलंबित दारोगा संजय कुमार वहां से फरार हो गया. इसके बाद औरंगाबाद से आय़ी पुलिस टीम ने पटना के रूपसपुर थाने में संजय कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी।


आईपीएस आदित्य कुमार का खास रहा है गोल्डन दास

बता दें कि ये बात भी सामने आ चुकी है कि अपराधी गोल्डन दास आईपीएस आदित्य कुमार का खास रहा है. आदित्य कुमार का जब आईजी अमित लोढ़ा से विवाद चल रहा था तो गोल्डन दास ही अमित लोढ़ा के खिलाफ सारे उच्चाधिकारियों से लेकर पीएम और सीएम के पास शिकायती पत्र भेजता था. ये बात भी सामने आयी है कि आदित्य कुमार के कहने पर वह दूसरे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी शिकायत पत्र भेजता था।


अब पुलिस कार्रवाई करेगी

आदित्य कुमार के कारनामों के खुलासे के बाद हैरतअंगेज कहानियां सामने आयी हैं. आदित्य कुमार के खिलाफ केस दर्ज हुआ है लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पायी है. आदित्य का खास दारोगा संजय कुमार भी केस दर्ज होने के दो महीने बाद भी खुला घूम रहा है. अब पटना पुलिस उसे गिरफ्तार करने की कार्रवाई में लगी है. पटना के एसएसपी  मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि फरार सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी का वारंट हासिल करने के लिए कोर्ट में अपील दायर कर दी है. उम्मीद है कि छुटि्टयों के खत्म होते ही जब कोर्ट खुलेगी तो गिरफ्तारी का वारंट मिल जाएगा. इसके बाद संजय कुमार को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जाएगी।