DESK: लॉकडाउन में एक युवक शादी करने के लिए पहुंचा था. सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए वह सिर्फ परिवार के पांच लोगों के साथ गया था, लेकिन परेशानी तब आई गई जब लॉकडाउन के कारण शादी कराने वाला पंडित नहीं पहुंच पाए. जिसके बाद किसी तरह से दूल्हा और दुल्हन ने जयमाल के बाद फेरे लिए और कुछ देर में ही यह शादी हो गई. यह मामला इंदौर के शाजापुर के काछीवाड़ा का है.
कोरोना ने सपनों पर फेरा पानी
शाजापुर के काछीवाड़ा क्षेत्र में रहने वाली भावना की शादी शहर के ही चंदन ने तय था. दोनों ने शादी को लेकर बहुत सारी तैयारियां की थी, लेकिन लॉकडाउन ने उनके सपने पर पानी फेर दिया. लॉकडाउन के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दोनों विवाह करने का निर्णय लिया.
बिना बैंड बाजा के ही दूल्हे चंदन की बारात पांच लोगों के साथ निकली. बारात में उसके घर के लिए पांच लोग बाराती बनकर गए. दुल्हन के घर पर भी सिर्फ उसके घर के लोग ही थे. न ही रिश्तेदार और न ही पड़ोसी शादी में शामिल हुए. इन सब के बीच पता चला कि शादी करवाने के लिए कोई भी पंडित लॉकडाउन के कारण आने को तैयार नहीं हुआ. जिसके बाद दूल्हा और दुल्हन के परिजन परेशान हो गए. फिर बेहद कम रीति-रिवाजों के साथ इन दोनों ने एक-दूसरे को जयमाला पहनाई और एक दूसरे का हाथ थाम लिया.