भारत के खिलाफ साजिश ओली को पड़ी भारी, नेपाल के PM की खतरे में पड़ी कुर्सी

भारत के खिलाफ साजिश ओली को पड़ी भारी, नेपाल के PM की खतरे में पड़ी कुर्सी

DESK:  भारत का विरोध करना नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली को महंगा पड़ने लगा है. अब उनके ही पार्टी के नेताओं ने पीएम का इस्तीफा मांगा. चीन के चुंगल में फंसकर नेपाल लगातार भारत के विरोध में हरकत कर रहा है. लेकिन अब यही दाव महंगा पड़ने लगा है.

पीएम का सफाई भी नहीं सुनी नेताओं

सत्तारूढ़ एनसीपी के तमाम सीनियर नेताओं ने पीएम ओली से फौरन इस्तीफा देने को कहा है. अपने ही नेताओं का विरोध देख पीएम ओली ने सफाई देने की कोशिश की, लेकिन नेताओं में गुस्सा इतना था कि ओली की सफाई भी नहीं सुनी. पार्टी उपाध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा ने कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है. पीएम एक बार फिर भारत विरोधी कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं. ओली नाकामी छिपाने के लिए गलत हथकंडे अपना रहे हैं और ध्यान बांटने की कोशिश कर रहे हैं. 

चीन ने नेपाल के जमीन पर किया कब्जा

नेपाल के साथ कई माह से भारत का रिश्ता खराब होते गया. नेपाल चीन के इशारे पर हरकत कर रहा था. भारत के साथ रिश्ते खराब कर लिए. लेकिन इस बीच नेपाल के ही सैकड़ों एकड़ जमीन पर चीन ने कब्जा जमाना शुरू कर दिया. जिसकी हकीकत लोगों को सामने आने लगी. चीनी सैनिक नेपाल के कई एरिया में घुमने लगे. जिससे नेपाल के लोगों की परेशानी बढ़ने लगी. 



महंगाई से नेपाल के लोग परेशान

भारत से रिश्ता खराब करने के बाद नेपाल में खाद्यान, पेट्रोल, डीजल, फल समेत कई जरूरी सामान नहीं जा पा रहा है. जिसके कारण वहां पर महंगाई कई गुना बढ़ गया है. जिसके कारण नेपाल के नागरिक परेशान हो गए हैं. वहां के लोगों को भी लगने लगा है कि यह सब भारत से रिश्ता खराब होने के कारण हुआ है. महंगाई से परेशान वहां की जनता ने चीन और पीएम ओली के खिलाफ सड़कों पर उतरने लगी. विरोध देख नेताओं के होश उड़ने लगे. अब नेता भी चीन का विरोध करने लगे. उनको लग रहा है कि चीन सिर्फ भारत के खिलाफ नेपाल का इस्तेमाल कर रहा है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रह है. भारत-नेपाल के बीच सबसे पहले कालापानी और लिपुलेख को लेकर विवाद शुरू हुआ. इस बीच तनाव बढ़ता गया. सीतामढ़ी बॉर्डर पर नेपाल के जवानों ने भारत के नागरिकों पर फायरिंग कर दी. जिससे एक की मौत हो गई. जिसको बंधक बनाकर ले गए उसके साथ बुरा बर्ताव किया. विरोध के बाद बाद में छोड़ना पड़ा.