होमवर्क नहीं करने पर शिक्षक ने निकाला गुस्सा, छात्र को पीट-पीटकर किया लहूलुहान

होमवर्क नहीं करने पर शिक्षक ने निकाला गुस्सा, छात्र को पीट-पीटकर किया लहूलुहान

LAKHISARAI : एक तरफ तो शिक्षक को भगवान से ऊपर का दर्जा दिया जाता है तो वहीं दूसरी तरफ लखीसराय में एक शिक्षक का वो रूप देखने को मिला जिससे न केवल शिक्षक के रवैये पर जमकर सवाल उठ रहे हैं बल्कि शिक्षक द्वारा किये गए अमानवीय कार्य की भी जमकर निंदा हो रही है. दरअसल मामला पिपरिया थाना क्षेत्र के रामचंद्रपुर गांव स्थित श्रीगणेश विद्या मंदिर का है, जहां होमवर्क पूरा नहीं करने पर शिक्षक ने एक छात्र को  पीटकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया. 


हम आपको बता दें कि सरकार ने लॉकडाउन के समय सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है और ऐसे में सरकार के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए श्रीगणेश विद्या मंदिर आवासीय विद्यालय लॉकडाउन अवधि में भी खुला है. यहां काफी संख्या में बच्चे पढ़ाई करते हैं. इसी बीच शुक्रवार को जब विद्यालय में पढ़ रहे नवीन कुमार के बेटे हरिओम कुमार ने अपना होमवर्क पूरा नहीं किया, तो विद्यालय के शिक्षक ने छात्र को इतनी बेरहमी से पीटा की छात्र के पीठ से खून निकल आया और वो बुरी तरह जख्मी हो गया. छात्र के पैर में भी गहरी चोट आई है. 


शनिवार को घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई और लोग शिक्षक की अमानवीय हरकत पर सवाल खड़े करते दिखे। बताया जा रहा है कि छात्र को उनके विद्यालय के शिक्षक श्यामकिशोर सिंह ने पीटा है.  पीटने से पहले बालक को दीवार में रस्सी से बांध दिया गया था. पिटाई के दौरान छात्र जब बेहोशी की हालत में आ गया, तब उसे घर भगा दिया गया. छात्र ने जब इसकी शिकायत अपने घर वालों से की, तो घरवाले भी विद्यालय प्रबंधन से इसका कारण जानने पहुंचे. इसपर विद्यालय प्रधान ने कहा कि बच्चे को पिटाई नहीं लगेगी, तो वे पढ़ेंगे कैसे. हालांकि छात्र की मां ने फिलहाल थाने में इसकी शिकायत नहीं की है। वहीं सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने के बाद लोगों में आक्रोश व्याप्त है और लोग विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. 


घटना की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन भी एक्शन में आया. एसडीओ मुरली प्रसाद सिंह ने इस मामले में पिपरिया थानाध्यक्ष को कार्रवाई का आदेश दिया. वहीं इस मामले में पिपरिया थानाध्यक्ष प्रजेश दूबे ने बताया कि वे घटना की जानकारी पर विद्यालय गए थे, लेकिन विद्यालय फिलहाल बंद पाया गया. वहां शिक्षक भी नहीं थे, जिस वजह से आगे की कार्रवाई नहीं की जा सकी. उन्होंने कहा कि पीड़ित बच्चे के परिजनों ने  किसी तरह का आवेदन नहीं दिया है. आवेदन मिलते ही विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.