NAWADA : बिहार में अक्सर यह कहते हुए लोगों को सुना जाता है कि बिना बाबु/ अफसर/ अधिकारी को खुश करवाए हुए आप अपना कोई भी सरकारी कार्य नहीं करवा सकते। कहा तो यहां तक जाता है कि आप पुलिस में किसी मदद के लिए जा रहे हैं तो उसकी भी एक तय शुल्क चुकाना पड़ता है तभी आपकी मदद की जा सकती है। अब इस बात का प्रमाण भी देखने को मिला है। यह प्रमाण पुलिस विभाग से जुड़ा हुआ है। हालांकि, बाद में इस पर एक्शन हुआ है और इन्हें अरेस्ट कर लिया गया है।
दरअसल, नवादा पुलिस में कार्यरत डायल 112 के दो सिपाहियों के द्वारा हेलमेट न पहनने के आरोप में व्यक्ति से ₹10,000 की घूस लेने का मामला आया है। इसके बाद इस पूरे मामले की जांच की गई और इसमें यह पूरा प्रकरण सच साबित हुआ। उसके बाद अब इस मामले में एक्शन लिया गया है और दोनों लोगों को अरेस्ट कर लिया गया है।
बताया जा रहा है कि, यह घटना 4 सितंबर की रात की है। जब डायल 112 के दो जवान इंद्रजीत कुमार एवं सुनील भारती शहर के खरीदी बिगहा इलाके में बाइक सवार पीड़ित सूरज कुमार को रोकते हैं और उसे यह कहते हैं कि आप हेलमेट नहीं पहने और भी तमाम तरह की क़ानूनी बात कहते हैं। इसके बदले कहते हैं आप हमें 10,000 रुपया जुर्माना दें। इस दौरान युवक से 8000 नगद लेते हैं और 2000 शेष राशि यूपीआई के माध्यम से लेते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस के जवाब युपिआई से पैसे लेने के लिए जो नंबर बताते हैं वह सरकारी विभाग का नहीं बल्कि उनके दोस्त का होता है। जो उसी इलाके में ग्रामीण चिकित्सक के रूप में काम करते हैं और अपने पहचान डॉक्टर पंकज उर्फ निर्मल के बताते हैं। उनसे जब इस बारे में जानकारी ली जाति है तो वह कहते हैं कि उनके खाते में 18 सो रुपया ट्रांसफर किया गया था।
उधर, घूसखोरी के इस मामले की जानकारी जब नवादा एसपी कोअम्बरीष राहुल को मिली तो उन्होंने इस मामले के जांच का आदेश सदर एसडीपीओ को दिया। जांच के बाद यह मामला पूरी तरह से सत्य पाया गया और इसके बाद अब इस मामले में दो जवान और उनके दोस्त यानी तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।