Bihar News : हेलिकॉप्टर के पानी में उतरने के मामले में अब कोर्ट ऑफ इंक्वायरी, अफसरों से होगी पूछताछ

Bihar News : हेलिकॉप्टर के पानी में उतरने के मामले में अब कोर्ट ऑफ इंक्वायरी, अफसरों से होगी पूछताछ

MUZZARPUR : बिहार के मुजफ्फरपुर में औराई में लखनदेई नदी किनारे मधुबन बेसी गांव के पास बुधवार को बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री का वितरण करने के दौरान हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। अब इस मामले की जांच वायुसेना ने शुरू कर दी। हेलिकॉप्टर को उड़ान से पहले फिटनेस देने वाली टीम से भी पूछताछ की जाएगी। राहत कार्य के लिए हेलीकॉप्टर पर प्रतिनियुक्त वायुसेना के अधिकारी से भी पूछताछ होगी। 


दरअसल, वायुसेना की एक टीम ने बुधवार को पानी में खड़े हेलिकॉप्टर से एफडीआर (फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर) यानी ब्लैक बॉक्स जांच के लिए निकाल लिया था। बताया जा रहा है कि उसमें घटना से संबंधित पूरी जानकारी रिकार्ड होगी। इंजन में आयी गड़गड़ी की जानकारी हेलिकॉप्टर में मौजूद स्क्वायड्रन लीडरों ने अपने कंट्रोल को दी होगी। इसका डाटा भी ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड होगा। उसके अध्ययन के बाद ही वायुसेना हादसे की मूल वजह को जान सकेगी।


प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है कि इंजन फेल होने से हेलिकॉप्टर की बुधवार को मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के मधुबन बेसी गांव में पानी में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी। इससे उसपर सवार चारों लोगों की जान खतरे में आ गयी थी। ग्रामीण नावों से मौके पर पहुंच गए और हेलिकॉप्टर में सवार दो पायलट और दो जवानों को सुरक्षित निकाल लिया। फिलहाल, सभी गोरखपुर में हैं। बताया जाता है कि उनकी इंक्वायरी वहीं होगी। हेलीकॉप्टर पर दो स्क्वाड्रन लीडर, एक एयरगनर और एक वायु अग्निवीर सवार थे।


वायुसेना के पदधिकारियों का कहना है कि यह एक उन्नत हल्का हेलिकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव था, जिसे बहुउद्देशीय सैन्य अभियानों के लिए डिजाइन किया गया था। यह दरभंगा एयरबेस के अधीन था। यह हेलिकॉप्टर 111 हेलीकॉप्टर यूनिट बरेली (उत्तर प्रदेश) का है। इसकी जांच के लिए वायुसेना की मैकेनिकल विंग बरेली और गोरखपुर से आएगी। मौके पर जांच के बाद ही उसे दरभंगा फिर आगे की जांच के लिए बरेली ले जाया जाएगा।


फिलहाल इसकी सुरक्षा के लिए स्थानीय थाना के पदाधिकारी और वायुसेना के एयरमैन की प्रतिनियुक्ति की गयी है। इसे देखने के लिए स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ रही है। सेल्फी के लिए एक स्पॉट बन गया है। एयरफोर्स ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वह इस हेलिकॉप्टर के साथ सेल्फी नहीं लें। ना ही उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करें।


इधर, जानकारों का कहना है कि दरभंगा में एक केयर एंड मेंटेनेंस यूनिट है। लेकिन, यहां हेलीकॉप्टर की मरम्मत करने वाली टीम नहीं है। इससे इस हेलीकॉप्टर की मरम्मत दरभंगा में नहीं हो सकेगी। तकनीक सपोर्ट इसके पैरेंट (मूल) बेस से मिलने पर इसकी मरम्मत की जा सकेगी।  इस हेलीकॉप्टर का मेन रोटर ब्लेड निकालकर अंडर स्लिंग ऑपरेशन कर इसे दरभंगा ले जाया जाएगा। वहां उसे रि-एसेंबल और रिपेयर कर एयर टेस्ट करने के बाद अपने बेस पर ले जाया जाएगा। बाढ़ का पानी सूखने पर इसे डिस्मेंटल कर सड़क मार्ग से दरभंगा ले जाया जा सकेगा।